NEWSPR डेस्क। बिहार के बेगूसराय से मानवता को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। मामला बिहार के नंबर वन स्थान प्राप्त सदर अस्पताल बेगूसराय का है। यहां मंगलवार की शाम शरीर से लाचार एक मरीज शौचालय द्वार के निकट फर्श पर लड़खड़ा कर गिर गया । घंटों तड़पता रहा और अस्पताल कर्मी संवेदनहीन बनी रही। मरीज के पुत्र उठाकर बेड पर लाने के लिए लगातार रो-रोकर मदद की गुहार लगाते रहे लेकिन सभी मूकदर्शक बने रहने में ही अपनी भलाई समझी। पीड़ित मरीज का बेटा अपने पिता की मुंह से कराहते आवाज और नजरों के सामने दुर्दशा को देख अस्पताल कर्मी को कोश रहे थे और फिर थक हारकर बेसुध बन सभी मूकदर्शकों को देखते रहने को विवश थे लेकिन किसी ने भी मरीज को उठाकर वार्ड के बेड पर पहुंचाने की जहमत नहीं उठाई। यहां तक की किसी ने सूचना देना भी मुनासिब नहीं समझा। वहीं किसी प्रकार की सूचना नहीं मिलने की बात कहकर आखिरकार आपातकाल ड्यूटी में लगे कर्मियों ने आनन फानन में उसे उठाकर बेड पर लाया जहां कुछ समय बाद मरीज ने दम तोड़ दी।
मृतक की पहचान चेरियाबरियारपुर थाना क्षेत्र के मैदा शाहपुर निवासी अम्बिका प्रसाद सिंह का लगभग 65 वर्षीय पुत्र रामकिशोर सिंह के रूप में क़ी गई। मृतक का पुत्र गौतम कुमार ने बताया कि उसके पिता को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसे इलाज के लिए सदर अस्पताल बेगूसराय में तीन दिन पहले भर्ती कराया था।उसने आरोप लगाया है कि परेशानी बढ़ने पर जब जब भी अस्पताल कर्मी को वह बताने गया उसे डांट फटकार कर भगा दिया गया।उसने बताया कि आखिरकार उसके पिता की मौत हो गई।फिलवक्त मृतक का पुत्र अपने पिता के शव को घर ले जाने की प्रक्रिया में जुटे हुए थे।वृद्ध की इस मौत ने नंबर वन सदर अस्पताल पर एक साथ कई सवाल खड़े कर दिया है।प्रश्न उठता है ऐसे संवेदनहीन रवैए के असली जिम्मेदार कौन है।
बेगूसराय से मो. मुमताज की रिपोर्ट…