बिहार के 80 प्रतिशत परिवार सरकारी स्वास्थ्य सेवा लेने से करते हैं परहेज, जानिए वजह

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। सरकारी अस्पतालों में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने का हमेशा से आरोप लगता रहा है। 50 फीसदी लोगों का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की उचित देखभाल नहीं होती है। इसके साथ ही सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। यह तथ्य राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों से पता चलता है।

एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के जारी किए गए रिपोर्ट से पता चला है कि साल 2019-20 के दौरान सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं उठाने वाले परिवारों का प्रतिशत 49.9% है। वैसे 2015-16 में ऐसे परिवारों का प्रतिशत 55.1% था। राज्यवार आंकड़ों कहते हैं कि देश में सबसे ज्यादा बिहार में रहने वाले परिवार (80%) सरकारी स्वास्थ्य सेवा की तलाश नहीं करते हैं।

इसके बाद स्थान आता है उत्तर प्रदेश (75%) का। वहीं लद्दाख, लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में रहने वाले परिवार सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर ज्यादा भरोसा करते हैं। यहां ऐसे परिवार 5% से कम हैं। इस अवधि के दौरान बिहार में ऐसे परिवारों में 77.6% से 80.2% की वृद्धि दर्ज की गई।

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