पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर से चुनावी तैयारी में जुट गई है। इस बीच कांग्रेस का मुख्य नेतृत्व फिलहाल उधेड़बुन में लगा हुआ है। सवाल यह है कि आखिर कांग्रेस का अध्यक्ष कौन होगा, जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष अपना पद छोड़ेंगी। दरअसल लंबे समय से कांग्रेस में पूर्णकालिक अध्यक्ष पद की मांग चल रही है। ऐसे में अंतरिम अध्यक्ष बनी सोनिया गांधी अपना पद छोड़ने को भी तैयार है। सोनिया गांधी ने पार्टी सहयोगियों से कहा है कि उन्होंने 1 साल के लिए अंतरिम अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है, और वह पार्टी अध्यक्ष पद से हटना चाहती हैं। इसके लिए वह नया अध्यक्ष भी चुनना चाहती हैं।
वहीं कांग्रेस सोमवार को कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक होने वाली है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि यह बैठक संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है। जिसमें उम्मीद है कि पार्टी का नेतृत्व अध्यक्ष पद पर भी विचार करेगा। दरएअसल लंबे समय से कांग्रेस में संगठन के स्तर पर बदलाव को लेकर चर्चा चल रही है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए कांग्रेस में बदलाव की चर्चा भी हो रही है। जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी में दो धड़ बना हुआ है जो बदलाव की मांग कर रहा है। तो दूसरा गांधी परिवार से पार्टी को अलग करने की बात भी कही जा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस बार पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार से बाहर होगा। वही राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में हार के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए उन्होंने गांधी परिवार से अध्यक्ष पद को हटाने के लिए पहले ही वकालत कर लिया है। जिसके बाद उत्तर प्रदेश की सचिव और राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए गांधी परिवार से बाहर सदस्य चुनने का समर्थन कर दिया है।
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हलांकि इन सबके बीच कांग्रेस नेता संजय निरुपम के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी गांधी परिवार के नेतृत्व को चुनौती दिए जाने का विरोध किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस समय इस तरह के मुद्दे को उठाने का वक्त नहीं है। जबकी बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार के खिलाफ मजबूत विपक्ष की स्थिति को बना उनको चुनौति देना होगा। क्योंकि देश के संवैधानिक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों को ध्वस्त करने का काम बीजेपी ने किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कई वरीय नेताओं ने राहुल गांधी को आगे आकर पार्टी की जिम्मेदारी संभालने की भी बात की है। उन लोगों का मानना है कि राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व फिलहाल नहीं संभालते हैं तो फिर सोनिया गांधी कोई पार्टी का नेतृत्व देखना चाहिए।