बिहार में रफ्तार पकड़ रही है चमकी बुखार, 10 दिनों में 12 से अधिक केस, अबतक 10 बच्चों की हो चुकी है मौत

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार में कोरोना की रफ्तार तो करीब-करीब थम गई है, लेकिन चमकी की रफ्तार डराने लगी है। SKMCH में भर्ती 3 बच्चों में AES की पुष्टी हुई है। जिन बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है। तीनों को एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर सहनी की देखरेख में इलाज किया जा रहा है। भर्ती दो बच्चों में कैल्शियम, सोडियम, पोटाशियम व मैग्नीशियम की कमी है। डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि बारिश रुकने व उमस बढ़ने के बाद से बीमार बच्चों की तादाद बढ़ी है। सभी बच्चों को इलाज एइएस प्रोटोकॉल के तहत किया जा रहा है।

एसकेएमसीएच में अबतक 50 बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. इसमें 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। 31 बच्चे स्वस्थ होकर लौट चुके हैं। दो बच्चों के अभिभावक इलाज के दौरान ही उसे लेकर चले गये। यहां फिलहाल सात बच्चों का इलाज चल रहा है।

बिहार में चमकी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में पिछले दस दिनों में सबसे अधिक बढ़़ोतरी हुई है. 12 जुलाई से लेकर 22 जुलाई तक एसकेएमसीएच में करीब 12 से अधिक मरीज चमकी बुखार के आए हैं. बताते चलें कि उत्तर बिहार के कुछ जिले में चमकी बुखार का कहर सबसे अधिक होता है। बता दें कि बिहार में चमकी बुखार के बढ़ते प्रकोप के बीच बिहार सरकार ने बड़ा फैसला किया. सरकार ने एईएस प्रभावित जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में 24X7 स्वास्थ्य सेवा प्रदान किए जाने का निर्देश दिया था. ताकि उक्त रोग से ग्रसित मरीजों को ससमय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करायी जा सके, जिसके तहत सभी डॉक्टरों को डेली दर्पण ऐप से हाजिरी लगाने का आदेश दिया गया था।

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