NEWSPR डेस्क। भगवान बुद्ध की नगरी बोधगया के कालचक्र मैदान में बीटीएमसी कार्यालय बनाया जा रहा था, जिनपर रोक लगाने के लिए बोधगया नागरिक मंच ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा था। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिलाधिकारी को कार्यालय के काम को बंद करने के आदेश दिए थे। बता दें कि कालचक्र मैदान में परम पूज्य दलाई लामा जी का पूजा स्थल और खेलकूद के एकमात्र मैदान बचा हुआ है और यह जमीन पुरातत्व विभाग भारत सरकार के अंतर्गत दिया गया है। पुरातत्व विभाग बीटीएमसी को सिर्फ देखरेख करने के लिए दिया है।
वर्तमान में बीटीएमसी अधिकारियों के द्वारा स्थाई कार्यालय बनाया जा रहा था, जिसका विरोधी लोगों ने जमकर किया और मुख्यमंत्री के संज्ञान में जाने के बाद मुख्यमंत्री ने काम बंद करवा दिया है। बिहार सरकार की अनगिनत योजनाएं बोधगया विकास के लिए चलाए जा रहे हैं। इस पर करोड़ों रुपए ख़र्च किए जा रहे हैं और सभी काम को सीधा बिहार के मुख्यमंत्री की नजर में सभी बिंदुओं पर कार्य किए जा रहे हैं, जिससे बोधगया का चौमुखी विकास हो रहा है, जिसकी चर्चा विदेशों में मुख्यमंत्री का अच्छा काम करने का संदेश से बिहार का ज्ञान की पावन भूमि का नाम अनगिनत देशों में लिया जा रहा हैं।
बोधगया बुद्ध टेंपल मैनेजमेंट कमिटी (बीटीएमसी) के पूर्व सचिव कालीचरण यादव ने कहा कि बोधगया मंदिर कमेटी के अध्यक्ष हुकूमत गिरी चला रहे हैं और मनमानी तरीके से पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं। बोधगया में बिना नक्शा पास कर के काम किया जा रहा है, जबकि किसी अधिकारी का कोई अनुमति बीटीएमसी भवन बनाने के लिये नहीं दिया गया है। बिटीएमसी द्वारा दान की राशि की ऑडिट रिपोर्ट भी जनता को नहीं दी जाती है। कालीचरण यादव का कहना है कि बोधगया बुद्ध के दान के पैसों को बोधगया में विकास के लिये ख़र्च किया जाना है, जबकि बोधगया से बाहर पैसों को भेजा जा रहा है।