NEWSPR DESK-कैमूर, पिछले शनिवार और रविवार को शहर की दुकानों में आम दिनों की अपेक्षा अधिक हलचल रही। इस साल शहर में राखी बेचने के लिए एकता चौक के पास हनुमान मंदिर के बगल में लाइन में दुकाने राखी का लगाकर इसके अलावे चौक में लाइन से दुकानें सजी हुई है। पटेल चौक, जयप्रकाश चौक के अलावा भभुआ शहर के कई ऐसे चौक चौराहे पर राखी की दुकान सजी हुई है। इन दुकानों में बहनों ने सुबह से लेकर देर शाम तक राखी की जमकर खरीददारी की।
त्यौहारी खरीददारी से गुलजार रहा बाजार रक्षा बंधन पर नहीं पड़ेगा भद्राकाल का असर
होटलों में मिठाई की मांग भी अधिक है अगर यूं कहें की मिठाइयां की दुकान भी बाहर में लगाकर लाइन से सजे हुए रंग बिरंगी मिठाइयां मार्केट दुकानों में बड़ी धूमधाम सजी हुई है। भाई बहन के स्नेहील बंधन का त्यौहार रक्षा बंधन शहर सहित पूरे जिले में धूमधाम से मनाया जा रहा है। त्यौहार से एक दिन पहले त्यौहार के उत्साह से बाजार गुलजार दिखा। बहने अपने भाईयों की कलाई में बांधने के लिए राखी लेने के लिए दुकानों में पहुंची। वहीं भाइयों ने बहनों को उपहार देने के लिए जमकर खरीददारी की है।
” व्यवसाईयों ने बताया कि कोरोना काल के बाद पहली बार राखी के त्यौहार में इतना अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है। राखी दुकानदार एवं मिठाई दुकानदारों ने बताया कि इस बार बहने,कलाई में बांधने के लिए छोटे आकार की राखियों को अधिक पसंद कर रही हैं। राखी के साथ ही होटलों में मिठाई की मांग भी अधिक देखी जा रही है। वहीं कपड़ों के दुकानों की पूछ परख भी होती रही।
भद्राकाल का नहीं पड़ेगा असर ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश द्विवेदी एवं लाला त्रिपाठी ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल लगने की वजह से लोग काफी परेशान हैं। बहनों को चिंता है कि भद्रा के चलते वो आज कैसे भाई की “कलाई पर अपने स्नेह की डोर बांधेंगी।”
“रक्षाबंधन के दिन सुबह स्नानादि के बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। फिर ईश्वर की आराधना के बाद एक थाल में रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षासूत्र और मिठाई रखें. घी का एक दीपक भी प्रज्वलित करें।
रक्षा सूत्र और पूजा की थाल सबसे पहले भगवान को समर्पित करें इसके बाद भाई को पूर्व या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर एक चौकी पर बैठाएं। पहले भाई को तिलक लगाएं, रक्षा सूत्र बांधें, इसके बाद उसकी आरती उतारें, फिर मिठाई खिलाकर भाई की मंगल कामना करें। ध्यान रहे कि रक्षासूत्र बांधते समय भाई और बहन का सिर खुला नहीं होना चाहिए।
रक्षा बंधवाने के बाद माता-पिता या गुरुजनों का आशीर्वाद लेना न भूलें. तत्पश्चात बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार दें । उपहार में ऐसी वस्तुं दें जो दोनों के लिए मंगलकारी हों. काले वस्त्र या नुकीली धारदार वस्तुए बहन को भाई भेंट करें।”