भागलपुर में कोसी नदी कहर बरपा रही है। कोसी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आलम यह है कि लोग अब ख़ुद से अपना आशियाना उजाड़ने लगे है। नवगछिया अनुमंडल के खरीक प्रखंड अंतर्गत मैरचा गांव की तरफ कोसी की धारा मुड़ गयी है जिससे कटाव तेज हो गया इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने कटावरोधी कार्य शुरू कराया है। युद्ध स्तर पर कटावरोधी कार्य कराए जा रहे है लेकिन जलस्तर बढ़ते देख ग्रामीण परेशान है जिस रफ्तार में जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है इससे कटाव रुकने की संभावना नहीं है। ऐसे में कोसी किनारे बसे घरों को घरवाले अब तोड़ने लगे है और ईंट बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। मैरचा के किशोर कुमार ने मजदूरी करके घर बनाया था घर के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के तरफ से भी राशि मुहैया कराई गई थी इसके बाद खुद भी पाँच लाख इक्कठा कर 2017 में घर बनाया था। किशोर ने बताया कि वह पंजाब में तो कभी दिल्ली में नौकरी करता है। पाई पाई जोड़कर घर बनाया था। लेकिन अब घर तोड़ने लगे हैं डर है कि अगर कोसी में घर समाया तो ईंट भी नहीं बचा पाएंगे। मैरचा में पिछले वर्ष भी कोसी ने कहर बरपाया था जिसको देखते हुए दर्जनों लोगों ने खुद से अपना घर तोड़ ईंट बचाया था। कई घर अभी भी कोसी के मुहाने पर हैं। जिस तरह से यहाँ कटाव हुआ था इस वर्ष यहां कोसी किनारे बालू भरी बोरियां नहीं बल्कि बोल्डर का काम कराये जाने की जरूरत थी लेकिन बालू भरी बोरियां डाली जा रही है अगर कोसी नदी में करंट तेज हुआ तो बोरियों को बचा पाना भी मुश्किल होगा। वहीं ग्रामीण सरकार से मदद की आस में हैं ताकि सरकार उन्हें कहीं जमीन देकर शरण दे दे। गाँव से कई परिवार पलायन कर रिंग बांध पर जाकर शरण ले लिए है। हम आपको बता दें कि कोसी हर वर्ष विकराल रूप धारण करती है कोसी के तेज करंट से पक्का मकान समा जाते है बीते वर्ष मैरचा, कहारपुर व जहांगीरपुर बैसी में दर्जनों पक्का मकान तास के पत्तो की मानिंद बिखर कर कोसी के आगोश में समा गया था। इस वर्ष कई इलाकों में कटावरोधी कार्य कराए जा रहे हैं लेकिन कोसी के रौद्र रूप को देख कटावरोधी कार्य के भी बचने की उम्मीद नहीं है।