NEWSPR DESK- 15 साल की किशोरी के साथ गैंगरेप के मामले में पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं। किशोरी को ले जानेवाले ई-रिक्शा चालक मंतोष ने अपने भतीजे विक्कू के साथ मिलकर उसका गैंगरेप किया था। इससे पहले उसने किशोरी को अकेली देख कर उसे ‘बहन’ कह बुलाया और प्रेमी के गांव तक छोड़ देने की बात कही थी। फिर कुल्हड़िया स्टेशन के पास एक खंडहरनुमा मकान में गया। इस गंदे काम को अंजाम देने के लिए मंतोष ने मकान के केयर टेकर सकड्डी निवासी राजा उर्फ सुखदेव को महज पचास रुपए देकर कमरा लिया। उसी कमरे में दोनों ने किशोरी को अपनी हवस का शिकार बनाया। मारपीट भी की।
किशोरी के प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग होने के बावजूद भी आरोपियों ने उसे नहीं छोड़ा। किसी तरीके से जब वह बाहर निकली तो उसकी मजबूरी का फायदा उठाने वाले 2 और दरिंदे मिल गए थे। किशोरी ने बाइक सवार उन दोनों युवकों से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन उनका मंसूबा कुछ और ही था। मदद के नाम पर दोनों ने किशोरी को बाइक पर बिठा लिया और दूसरी जगह लेकर जा रहे थे। लेकिन किशोरी ने चलती बाइक पर हल्ला करना शुरू कर दिया। इसके बाद दोनों युवकों ने उसे चलती बाइक से ढकेल दिया और भाग निकले
ASP हिमांशु के अनुसार, इस पूरी घटना में किशोरी के प्रेमी अनीश की कोई भूमिका नहीं थी। 31 मार्च की रात जब वह अपने प्रेमी से मिलने जा रही थी, तब उसके पास ना मोबाइल था और ना ही प्रेमी के घर का पता। इसलिए किशोरी इधर-उधर भटक रही थी। तभी उसे अकेला देख ई-रिक्शा चालक मंतोष उसके पास पहुंचा था।