महागठबंधन में 10 पार्टियां नीतीश को देगी मात, अखिलेश, मयावती,पवार और हेमंत सोरेन होंगे साथ !

Sanjeev Shrivastava

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रणनीतिक तैयारियों में जुटी पार्टियों को लेकर रोज नए-नए दावे और वादे खुलकर सामने आ रहे हैं। इसी बीच राजधानी पटना में एक पत्र ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दिया है। पत्र में महागठबंधन को मजबूत बनाने की रणनीतियों पर चर्चा की गई है, साथ ही NDA गठबंधन की नीतीश सरकार को गिराने और राज्य से तेजस्वी सरकार को लाने की पूरी रणनीति का विवरण प्रस्तुत किया गया है।

कांग्रेस नेता का पत्र

दरअसल 166 जमालपुर विधानसभा क्षेत्र जिला मुंगेर के कांग्रेस नेता और पूर्व कांग्रेस विधायक प्रत्याशी संजय सिंह यादव ने राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को एक पत्र भेज महागठबंधन को मजबूत करने के लिए और बिहार में तेजस्वी सरकार को लाने के लिए कई सुझाव दिए हैं। पूर्व विधायक प्रत्याशी द्वारा भेजे गए पत्र में व्यक्तिगत सुझाव और फॉर्मूला विनम्र आग्रह किया गया है। इस पत्र में महागठबंधन को मजबूत बनाने के लिए कुल 10 पार्टियों का नाम शामिल किया गया है, और इन पार्टियों के सहयोग से बिहार में एनडीए (NDA) गठबंधन को तोड़ने और नीतीश सरकार को गिराने का पूरा फार्मूला सुझाया गया है। इस पत्र के माध्यम से कुल 10 पार्टियों से बिहार में महागठबंधन तय करने की बात की गई है। जिसमें पहली पार्टी है कांग्रेस (Congress) इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) हाल ही में महागठबंधन से नाराज हो बाहर गए बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी कि हम (HAM) को भी शामिल करते हुए जीतन राम मांझी को मनाने की बात की गई है। इसके अलावे शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को भी बिहार महागठबंधन में शामिल करने की बात की गई है। इसके साथ ही लोगों के लिए मसीहा बने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी सर्कुलर (JAP)। इसके अलावा सन ऑफ मल्लाह मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP), झारखंड महागठबंधन में सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कम्युनिस्ट पार्टी, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (सपा) और दलितों की नेत्री मायावती की पार्टी बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) को बिहार विधानसभा चुनाव में लाने का निवेदन किया गया है।

इस पत्र में रणनीतियों के तहत सभी समाज के लोगों को जाति धर्म और मजहब के आधार पर वोटरों को लुभाने की पूरी रणनीति को बताया गया है। इसमें एनडीए (NDA) सरकार और खासकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में 15 वर्षों के बने रहने के कारण स्वर्ण समाज को बताया है। जिसको लेकर स्वर्ण समाज को भी महागठबंधन के तरफ आकर्षित करने का फार्मूला तैयार किया गया है। कांग्रेस नेता ने बिहार में महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा तेजस्वी के साथ ही उप मुख्यमंत्रियों के लिए दलित समाज से किसी चेहरे की घोषणा करने की बात की है। ताकि बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की जीत हो और प्रदेश में तेज रफ्तार तेजस्वी सरकार का वादा पूरा किया जा सके।

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