मुंगेर खड़गपुर की पहाड़ियों तराई में स्थित गर्म जल का क्या है राज जानिए।

Patna Desk

मुंगेर खड़गपुर की पहाड़ियों तराई में स्थित गर्म जल कामुंगेर खड़गपुर की पहाड़ियों तराई में स्थित गर्म जल का कुंड ऋषि कुंड तीर्थस्थल काफी मशहूर है। ठंड के मौसम और नए साल के उपलक्ष में नहाने और पिकनिक मनाने वालों का भिड़ जुटा रहता है ।

मुंगेर मुख्यालय से लगभग 20 कि॰मी॰ एन एच 80 से पाटम जाने वाले रास्ते के आखरी छोर पे पहाड़पुर वनवर्षा के समीप स्थित है। इस स्थान का नाम प्रसिद्ध ऋषि श्रृंग के नाम पर रखा गया है। मुंगेर के ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है ये ऋषिकुंड। यहां प्रत्येक तीन साल में मलमास के शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है।भू-गर्भ में गंधक की मात्रा अधिक होने के कारण 24 घंटे गर्मजल की धारा प्रवाहित होती है। जहां से जल प्रवाहित हो रही है ।पर्यटकों के बीच यहां का गर्म झरना आकर्षण के केंद्र बिंदू में रहता है। ठंड के मौसम में इस झरने का पानी हल्का गर्म हो जाता है जिसमें स्नान करने के लिए दूर दराज से पर्यटक आ हैं। साथ ही नए साल के मौके पर लोग यहां पिकनिक मनाने जरूर आते है ।यहां पर एक डैम का निर्माण भी किया गया है जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है। यहां स्थित कुंड जिसको लोग ऋषिकुंड के नाम से जानते हैं, । यहीं भगवान शिव को समर्पित एक बहुत प्राचीन मंदिर है जो भक्तों के बीच काफी लोकप्रिय है।प्राकृतिक सौंदर्य के बीच गर्म जल के लिए प्रसिद्ध है ऋषिकुंड । पहाड़ की तराई से साल भर निकलने वाले गर्म जल से न सिर्फ लोग स्नान करते हैं, बल्कि इसका सेवन कर खुद को स्वस्थ भी रखते हैं।यहां आने के लिए लोग निजी वाहन का उपयोग करते हैं।

यहां आने वाले पर्यटकों ने बताया कि यह बहुत ही रहने का स्थान है पहाड़ की तैयारी में गर्म झरना का कुंड ऋषि कुंड की गर्म जल में स्नान करने से कई तरह के बीमारियों से छुटकारा मिलता है साथी ठंड के मौसम में नए साल के मौके में यहां पर पर्यटकों के आने का सिलसिला लगातार जारी आता है हालांकि पर्यटकों ने बताया कि अभी तक इस ऋषि कुंड का विकास नहीं हो सका है पर्यटक स्थल के रूप में इसे विकसित नहीं किया जा सका है।जिसके कारण यहां पर है और काफी गंदगी देखने को मिलती है तथा नहाने के बाद कपड़ा चेंज करने के लिए भी यहां पर कोई खास व्यवस्था नहीं की गई है हालांकि यहां के कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं के द्वारा यहां पर साफ सफाई करवाई जाती है जो ना काफी होता है ।

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