NEWSPR डेस्क। कहते हैं कि हौसला अगर बुलंद हो तो कुछ भी कर गुजरा जा सकता है चाहे वो किसी भी बिपदा हो , कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है मोतिहारी के बंजरिया प्रखंड में। यहां एक महीने के अंदर में दो दो बार आयी विनाशकारी बाढ़ ने जमकर कहर बरपाया था , बाढ़ के कारण पूरा बंजरिया प्रखंड पूरी तरह से टापू में तब्दील हो चुका था सैकड़ों घर बाढ़ के कारण जमीनदोज हो गए थे। दर्जनो जिंदगी बाढ़ के कारण काल के गाल में समा गए थे। इस बाढ़ से सबसे ज्यादा तबाह कोई हुआ तो वो हैं यहां के किसान जिनका सबकुछ इस प्रयनकारी बाढ़ ने खत्म कर चुका था। हज़ारों एकड़ में लगी फसल पूरी तरह नेस्तनाबूत हो गयी थी। किसान बेहाल हो गए थे। उनकी कोई सुधि लेने वाला नहीं बचा था , ऐसे में इस क्षेत्र से एक सुखद तस्वीर आयी है जिसे देख आपके भी चेहरे पर मुस्कुराहय आ जायेगी।
देश की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले किसानों ने आज ये साबित कर दिया है कि देश के असली हीरो किसान ही हैं। जी हां ये वही किसान हैं जिनका इस साल आयी विनाशकारी बाढ़ ने सबकुछ तबाह कर दिया था। ये वही किसान हैं जिन्होंने एक महीने के अंदर दो-दो बार भीषण बाढ़ की बिभिसिका झेली है। ये वही किसान हैं जिनके हज़ारो हेक्टेयर में लगी खेती जिसे इन्होंने अपने खून पसीने से सींचा था को इस बाढ़ ने चन्द घंटो में लील गया था। ये भूखे मरने को मजबूर हो गये थे।
लेकिन आज ये किसान एक बार फिर अपने खेतों में सोना यानी अनाज उपजाने का दृढ़ संकल्प लेकर दुबारा खेती करने आये हैं व खेती की शुरुवत कर चुके हैं ।प्रकृति की बारंबार मार के बाबजूद इन किसानों ने हार नहीं मानी है और इन्होंने संकल्प लिया है कि भले ही ऊपरवाला भगवान व नीचे बैठी सरकार उनपर कितने भी हथौड़े मारे वे हर नही मानने वाले हैं, देखिये तस्वीरें कैसे इस दलदल भूमि को ये किसान अपने खून पसीने से दुबारा खेती कर रहे हैं । बाढ़ के कारण दलदल में तब्दील इस भूमि को कैसे ट्रेक्टर चला इसमें फिर से सोना उपजाने की कोशिस कर रहे हैं। वो भी तब जब इनके पास न पैसे है और न धान की बीज , फिर भी इन्होंने अपनी हिम्मत नही हारी है और जिले के अन्य हिस्सों से महंगी बीज व धान के बिचरे खरीद अपनी खेती कर रहे हैं।