पूर्वी चम्पारण जिले के,मोतिहारी,रक्सौल -भारत-नेपाल सीमा के रक्सौल बॉर्डर के मैत्री पुल पर एसएसबी की पोस्ट स्थापित करने पर कुछ समय के लिए अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया। असमाजिक तत्वों के द्वारा यह अफवाह उठा दिया गया कि भारत-नेपाल मैत्री पुल के नेपाल के हिस्से पर एसएसबी ने अपना कब्जा कर लिया है। कुछ समय के लिए भारत नेपाल को जोड़ने वाली सड़क को जाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया गया। हालांकि दोनों देशों के अधिकारियों के पहुचने व बात चीत से गतिरोध को खत्म किया गया व पुनः सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया गया। वही नेपाल पुलिस ने भी पहले मैत्री पुल पर एसएसबी के द्वारा पोस्ट लगाने पर नाराजगी दिखाई। वही नेपाल पुलिस का कहना था कि मैत्री पुल यानी नो मेंस लैंड पर किसी भी देश की चौकी नही रहनी चाहिए। जिसके बाद एसएसबी के इंस्पेक्टर मनोज शर्मा ने बताया कि एसएसबी की पोस्ट न तो नेपाल की सीमा में है व न नो मेंस लैंड में है। एसएसबी की पोस्ट भारतीय सीमा के 10 मीटर अंदर बनी हुई है। दोनो देशों के अधिकारियों ने सीमा का निरीक्षण किया उसके बाद जा कर गतिरोध खत्म हुआ।
मैत्र पुल पर एसएसबी पोस्ट से तस्करों में हड़कंप-
भारत-नेपाल की खुली सीमा होने के चलते इसका लाभ तस्कर उठाते है। नेपाल आने व जाने के क्रम में पगडंडी पकड़ नेपाल या भारत में तस्करी का सामान लाते है। जिस कारण एसएसबी को उन्हें पकड़ने व तस्करी पर अंकुश लगाने में परेशानी होती थी। मैत्री पुल पर पोस्ट स्थापित करने पर इस पर बहुत हद तक लगाम लग जायेगा। इसी की वजह से कुछ तस्कर व असामाजिक तत्वों द्वारा नेपाल प्रशासन को उल्टा सीधा समझा कर व चक्का जाम कर किसी तरह पोस्ट हटवाने के चक्कर में थे। लेकिन समय से अधिकारियों के पहुचने पर गतिरोध को समाप्त किया गया। मौके पर एसएसबी के कमांडेंट विकास कुमार, सेकेंड कमांडिंग ऑफिसर अनेन्द्र मणि सिंह, एसएसबी इंस्पेक्टर मनोज शर्मा, इंस्पेक्टर राम प्रसाद मौजूद थे। वही नेपाल पुलिस के डीएसपी केबी थापा सहित शसशत्र के वरीय अधिकारी मौजूद थे।
एसएसबी इंस्पेक्टर मनोज शर्मा ने बताया कि पोस्ट का निर्माण भारतीय सीमा पर हुआ है। नो मेंस लैंड से 10 मीटर भारतीय सीमा के अंदर मैत्री पुल पर बनाया गया है। नेपाल के अधिकारियों को पिलर भी दिखाया गया। जहां वो लोग भी संतुष्ट हुए। यहां पोस्ट के निर्माण से तस्करी पर बहुत हद तक लगाम लग जायेगी। खुली सीमा का लाभ तस्कर नही उठा पाएंगे।