विक्रमशिला विश्वविद्यालय का नालंदा विश्वविद्यालय के तर्ज पर होगा कायाकल्प।

Patna Desk

 

भागलपुर पहुंचे जदयू के एमएलसी विजय कुमार सिंह ने बताया कि नालंदा के तर्ज पर प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय को भी विकसित किया जाएगा | डीपीआर तैयार करवाया जा चुका है , जल्द ही आगे की कार्रवाई होने के बाद इसे टेंडर की प्रक्रिया में भेजा जाएगा और यह पर्यटन स्थल के रूप में किसी भी रूप में नालंदा से कम नहीं रहेगा | हम आपको बता दें कि बिहार प्रांत के भागपलुर जिले में स्थित विक्रमशिला एक अन्तरराष्ट्रीय ख्याति का शिक्षा केन्द्र रहा है। विक्रमशिला के महाविहार की स्थापना नरेश धर्मपाल (775-800ई.) ने करवायी थी। यहाँ 160 विहार तथा व्याख्यान के लिये अनेक कक्ष बने हुये थे। धर्मपाल के उत्तराधिकारी तेरहवीं शताब्दी तक इसे राजकीय संरक्षण प्रदान करते रहे। परिणामस्वरूप विक्रमशिला लगभग चार शताब्दियों से भी अधिक समय तक अंतरराष्ट्रीय ख्याति का विश्वविद्यालय बना रहा। विश्वविद्यालय में अध्ययन के विशेष विषय व्याकरण, तर्कशास्त्र, मीमांसा, तंत्र, विधिवाद आदि थे। आचार्यों में दीपंकर श्रीज्ञान का नाम सर्वाधिक उल्लेखनीय है, जो इस विश्वविद्यालय के कुलपति थे। कहा जाता है की बख्तियार खिलजी नामक मुस्लिम आक्रमणकारी ने सन 1193 ई के आसपास इसे नष्ट कर दिया था। वर्तमान समय में विश्वविद्यालय के भग्नावशेष को देख कर इसके गौरवशाली अतीत और विख्याति की अनुभूति कर सकते हैं।

 

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