विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एसवीपी कॉलेज और जिला प्रशासन ने निकाली रैली।

Patna Desk

 

विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर सेहत केंद्र, सरदार वल्लभ भाई पटेल कालेज,भभुआ और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से सुबह 10 बजे सदर अस्पताल से एक साइकिल और सारथी रथ रैली निकाली गई । इस रैली को जिलाधिकारी सावन कुमार और जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया । यह रैली पटेल चौक होते हुए सरदार वल्लभभाई पटेल कॉलेज पर जाकर समाप्त हुआ । इस रैली का नेतृत्व सेहत केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ वंशीधर उपाध्याय और डॉअखिलेंद्र नाथ तिवारी, डॉ अजीत राय ने किया। कालेज के मुख्य द्वार पर प्राचार्य डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, डॉ नेयाज अहमद सिद्दीकी, डॉ मुकेश कुमार, डॉ धनंजय राय अन्य शिक्षको द्वारा रैली में शामिल शिक्षको और छात्रों का स्वागत किया गया ।

इधर, पुनः 12 बजे से कक्ष संख्या 11 में एक संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी का स्वागत वाचन सेहत केंद्र के नोडल पदाधिकारी डॉ वंशीधर उपाध्याय द्वारा किया गया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ अखिलेंद्र नाथ तिवारी ने विश्व जनसंख्या दिवस की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी दी कि 60 के दशक में भारत सहित कई एशिया और अफ्रीका के देश भुखमरी के कगार पर थे लेकिन फिलिपींस में चावल और मैक्सिको में गेहूं की उच्च स्तर उत्पादन बीजो के साथ ही खाद, कीटनाशक और सिंचाई की व्यवस्था के साथ हरित क्रांति शुरू हुई जिसने हमे खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना दिया। भारत और चीन 70 के दशक में लगभग एक जैसी आर्थिक और सामाजिक स्तर पर थे लेकिन चीन ने कड़ाई से एक बच्चे को नीति अपनाई। हम वेलफेयर देश हैं इसीलिए हमने जन जागरूकता की नीति अपनाई। आज चीन हमसे कई गुना ज्यादा विकसित है जबकि हमने सिर्फ जनसंख्या में उसे पछाड़ा है । 11 जुलाई 1987 से विश्व बैंक के जनसंख्या वैज्ञानिक के सी जकारिया द्वारा विश्व की जनसंख्या 5 अरब से आगे बढ़ जाने पर विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुवात की गई। इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 2023 का विषय है ” लैंगिक समानता की शक्ति को उजागर करना।

दूसरे वक्ता डॉ बृजराज गुप्ता ने जनसंख्या दिवस से संबंधित आंकड़ों और तिथियों की चर्चा करते हुए माल्थस सिद्धांत के बारे में बताया कि जनसंख्या के तुलना में संसाधन नही बढ़ रहे हैं इस लिए जागरूकता अभियान जरूरी है। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ शंकर प्रसाद शर्मा ने इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और बताया कि जनसंख्या वृद्धि से ग्रीन हाउस प्रभाव और वातावरण प्रदूषण भी होता है। प्रकृति की स्थिरता आवश्यक है। उन्होंने सभी शिक्षको और छात्रों का धन्यवाद दिया जिन्होंने उमस भरी गर्मी में भी सुबह नौ बजे से साइकिल यात्रा निकाली और दोपहर में संगोष्ठी में भाग लिया।

कार्यक्रम में डॉ महेश प्रसाद, डॉ सीमा पटेल, डॉ सोनल, डॉ माया सिन्हा, डॉ सीमा सिंह, डॉ रविनिश कुमार, डॉ रविंदर कुमार, डॉ नेयाज अहमद सिद्दीकी, डॉ एस ए करीम, डॉ अजीत कुमार राय, डॉ रवि रंजन, डॉ धनंजय प्रसाद राय, डॉअविनाश कुमार सिंह, डॉ मुकेश कुमार, डॉ निलेश कुमार वर्मा और डॉ राजेश ठाकुर उपस्थित थे।

छात्रों में ओम प्रकाश, आदित्य, शुभम, अंकित, श्याम, सत्यम, शिवम, अनन्या, शिवानी, बबिता, नितीश,राणा आदि छात्र–छात्राएं उपास्थित रहे।

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