सुल्तानगंज में आगवानी घाट पुल हादसे से सबक लेते हुए मुंगेर गंगा नदी पे बने श्री कृष्ण सेतु से होकर 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के परिचालन पर शनिवार से प्रतिबंध लगा दिया गया है. ओवर लोड बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक के लिए एनएचएआई ने लोहे का बेरियर लगा दिया गया है. जिसकी ऊंचाई 3.56 मीटर रखा गया है. बड़े वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगने से मुंगेर रेल पुल पर जो संकट का बादल मंडरा रहा था वह तत्काल दूर हो गया.
भारतीय रेलवे लगातार एनएचएआई, बिहार सरकार जिला प्रशासन को पत्र भेज कर अनुरोध कर रहा था कि मुंगेर गंगा सड़क पुल से 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले बड़े वाहनों का परिचालन हो रहा है. जिसके कारण रेल पुल की सुरक्षा खतरे में है. अगल 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले बड़ वाहनों के परिचालन पर रोक नहीं लगा तो रेल पुल क्षतिग्रस्त हो जायेगा और रेल का परिचालन ठप हो जायेगा. रेलवे के बार-बार पत्र भेजने के बाद राज्य के परिवहन सचिव ने भी 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का आदेश जिला प्रशासन को दिया. और साथ ही साथ आगवानी पूल हादसा के बाद अधिकारियों की आंख खुली । और इसके बाद एनएचएआई के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के साथ कई बार बैठक हुई. जिसमें जिला प्रशासन ने एनएचएआई को इस पुल से बड़े वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध लगाने के उपाय करने का निर्देश दिया. शनिवार को एनएचएआई द्वारा मुंगेर गंगा पुल के एप्रोच पथ पर लालदरवाजा पुलिस पिकेट के समीप लोहे का बेरियर लगाया गया. जिला प्रशासन की मौजुदगी में लोहे का मोटा पीलर लगाया गया और उपर से लोहे का गाटर देकर उसे बेल्डिंग कर आपस में जोड़ दिया गया. पुल के दोनों ओर प्रक्रिया को अपनाया गया है. ताकि इस होकर 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले बड़े वाहनों का परिचालन नही हो और रेल पुल पर उत्पन्न संकट को दूर किया जा सके. विदित हो कि इस होकर बालू एवं मेटल लदा हुआ 40 से 60 टन तक के भार क्षमता वाले वाहनों का परिचालन हो रहा था. जो रेल पुल के लिए कभी भी घातक हो सकता था. सदर एसडीओ संजय कुमार ने बताया की रेलवे द्वारा लगातार प्रशासन से इस पुल से 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के लिए पत्र भेजा जा रहा था. जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की मौजूदगी में पुल के दोनों ओर लोहे के गाटर देकर बेरियर लगाया गया है. ताकि इस होकर 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों का परिचालन नहीं हो सके.