औचक निरीक्षण के उद्देश्य से जिला पदाधिकारी श्रीकांत शास्त्री सदर अस्पताल पहुंचे. सर्वप्रथम उन्होंने इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया तथा वहां इलाज के लिए आए हुए मरीजों एवं उनके परिजनों से अस्पताल में दी जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की.
उन्होंने पाया कि ओपीडी में अत्यधिक भीड़ है. यह अवलोकन किया कि एक ही कक्ष में ओपीडी एवं इमरजेंसी का कार्य हो रहा है. दो-तीन टेबल एक साथ लगाकर एक ही रूम में चिकित्सकों द्वारा कंसल्टेशन के कार्य को अनुचित मानते हुए हुए जिला पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि ओपीडी एवं इमरजेंसी अलग-अलग कक्ष में संचालित कराया जाए. उन्होंने निर्देश दिया गया कि ओपीडी में प्रत्येक डॉक्टर के लिए अलग-अलग स्थान निर्धारित किया जाए. चिकित्सा परामर्श एवं जांच के क्रम में गोपनीयता सुनिश्चित कराई जाए. इसी प्रकार इमरजेंसी सेवा को मानकों के अनुरूप सुदृढ़ करने हेतु उन्होंने निर्देश दिया.
इसके पश्चात जिला पदाधिकारी ने आईसीयू, लैब, आंख एवं दंत ओपीडी, एक्स-रे यूनिट इत्यादि का निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि ओपीडी में डॉक्टर आशुतोष कुमार एवं डॉ अमृत कुमार उपस्थित थे. आईसीयू में डॉक्टर देवाश्री कार्यरत थीं. महिला वाह्य कक्ष सहित आंख एवं दांत ओपीडी कक्ष में भी चिकित्सक उपस्थित थे. पैथोलॉजिकल जांच कक्ष को अव्यवस्थित दशा में देखकर अस्पताल प्रबंधक के प्रति जिला पदाधिकारी के द्वारा काफी नाराजगी व्यक्त की गई. अस्पताल प्रबंधक को कुव्यवस्था के लिए जवाबदेह मानते हुए आवश्यक सुधार कराने का निर्देश दिया गया. वही शोकौज भी पूछा,डीएम ने कहा की अस्पताल की सफाई व्यवस्था ठीक हैं
अस्पताल परिसर के भ्रमण के क्रम में उन्होंने पाया कि नए भवन निर्माण के क्रम में निकल रही धूल पूरे परिसर में फैल रही है. इस संबंध में निर्माणी एजेंसी के ठेकेदार को उचित कार्रवाई करते हुए सुधार करने का निर्देश दिया गया.
एंबुलेंस के सम्बन्ध में पूछताछ किए जाने पर जिला पदाधिकारी को अवगत कराया गया कि दो बीएलएस एम्बुलेंस पटना एवं गया भेजे गए हैं. जिला पदाधिकारी द्वारा सदर अस्पताल में अतिरिक्त एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की व्यवस्था करने का निर्देश दिया.
भ्रमण के क्रम में सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव, डॉ आशुतोष कुमार, अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन, गोलू कुमार एवं अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.