सीडीपीओ कार्यालय के सामने आंगनबाड़ी सेविका ने किया आत्मदाह का प्रयास, मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने बचाया

PR Desk
By PR Desk

सौरव
सीतामढ़ी। जिले के सोनबरसा प्रखंड के दोस्तियां टोला वार्ड नंबर 12 की आंगनबाड़ी सेविका ने आज सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष आत्मदाह का प्रयास किया। आंगनबाड़ी सेविका बबिता कुमारी पर आरोप है कि वह मनमाने तरीके से आंगनबाड़ी केंद्र अपने गांव में चलाती है। आज सुबह आंगनबाड़ी सेविका बबीता अपने पति राम एकवाल राम के साथ सीडीपीओ कार्यालय सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर हाथ में मिट्टी का गैलन लिए पहुंची, आत्मदाह की कोशिश करने लगी लगी लेकिन महिला पुलिस के जवानों ने सेविका के हाथ से किरासन तेल का गैलन और माचिस छीन ली। जिसके बाद पुलिस ने सेविका को पुलिस वाहन पर बैठाया और थाना ले गयी,जहा सेविका के साथ पदाधिकारियों की वार्ता जारी थी।

यह है पूरा मामला

सेविका बाबिता के खिलाफ वार्ड दस के लोगो ने आवेदन दिया था कि वर्ष 2005 दे 2012 तक उक्त सेविका मौजे पन्डित के दरवाजे पर केंद्र चला रही थी। लेकिन मकान मालिक को किराया नहीं दी थी, इसको लेकर मकान मालिक ने भी अधिकारी को सेविका के खिलाफ आवेदन दिया था। वार्ड नम्बर 10 महादलित टोला के ग्रामीणों का कहना था कि सेविका बाबिता 2012 से सेंटर को श्रवण पासवान के दरवाजे पर ले गयी,फिर वहां से ठाकुर जी के मठ पर ले गयी और इसके बाद वह सेंटर को हटा कर इस बार वार्ड ही बदल दी और वार्ड 12 में अपने दरवाजे पर आंगनबाड़ी सेंटर चलाने लगी।

फिर से वार्ड दस में काम करने को लेकर गरमाया मामला
सेविका बाबिता के खिलाफ सीडीपीओ भारतेंदु रबिस ने इस मामले का संज्ञान लिया, सेविका बाबिता को वार्ड दस में सेंटर चलाने को कहा गया। सीडीपीओ के इस आदेश के बाद मामला गरमाने लगा,सेविका उनके खिलाफ हमलावर हो गयी, बात वरीय अधिकारी से लेकर न्यायालय में भी गया। इसी बीच सेविका ने सीडीपीओ पर मानसिक शोषण करने,परेशान करने का आरोप लगा दिया।

सेविका ने कहा कभी नहीं किया वार्ड 10 में काम

सेविका का कहना है कि वह कभी वार्ड 10 में सेंटर चलाई ही नही,वह मूल रूप से 12 में केंद्र चलाती है,सीडीपीओ प्रखंड के एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर उसके प्रभाव में आकर मुझे परेशान कर रहे हैं।बाबिता ने वार्ड 12 में ही एक अन्य सेविका गोदावरी के बहाली को ही फर्जी करार दिया है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि-आंगनबाड़ी सेंटर पर पहले पोषक क्षेत्र पर बहाल होता था, वर्ष 2012 में नियम आया कि सेविका चाहे तो अपने वार्ड में सेंटर ले जा सकती है,लेकिन इसके लिए नियम निकाला गया कि यदि एक वार्ड में दो दो सेविका मूल निवासी हो तब जिस सेविका की नियुक्ति पहले हुई होगी वह उक्त वार्ड में सेंटर चलाएगी,जबकि बाद में बहाली जिसकी होगी वह वही सेंटर चलाएगी जहां वह चला रही थी।

दबाव बनाने की कोशिश
भारतेंदु ने कहा कि यहा के हालात बेहद खराब थे। उसे सुधारने का प्रयास किया हूँ,उसी का प्रतिफल है ये।
सेंटर को चलाने के लिए जब सख्ती की गई तब सेविका ने सीडीपीओ पर दबाब बनाने लगी,और अपनी मनमर्जी करते रही,इसके लिए ऐसा कदम उठाकर अपनी गलतियों को ढकने का असफल प्रयास किया है।

Share This Article