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सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ का खरना सम्पन्न, रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को छठ व्रती देंगी पहला अर्घ्य

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कैमूर: सूर्य उपासना का महापर्व छठ साल भर में दो बार आता है। एक बार छठ कार्तिक पक्ष में यानी नवंबर माह में आता है। वही दूसरा छठ व्रत का पर्व चैत पक्ष में आता है। दोनों ही पर्व को छठ व्रती काफी धूमधाम से इस पर्व को मानती है। सूर्य उपासना का महापर्व छठ बिहार का सबसे बड़ा पर्व है। इस पर्व को मनाने के लिए दूर-दूर से लोग अपने घर बिहार पहुंचते हैं और धूमधाम से इस पर्व को मानते हैं। चैती छठ बीते शुक्रवार से शुरू हो चुका है। नहाए खाए के साथ शुक्रवार को चैती छठ का शुभारंभ हुआ। शनिवार को चैती छठ पर्व का दूसरा दिन खरना संपन्न हुआ।

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खरना पूजन को लेकर जहां व्रती दिनभर तैयारी में लगी रहीं। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। वहीं परिजन व सगे-संबंधी घाट को तैयार करने में जुटे रहे। उध छठ पूजन की सामग्री की खरीदारी के लिए बाजार में काफी भीड़ उमड़ी रही। वहीं रविवार को छठव्रती अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। इसके बाद चार दिवसीय सूर्य उपासना का महापर्व छठ का समापन सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न होगा।

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