NEWSPR DESK -अस्थावां विधानसभा क्षेत्र के बिंद प्रखंड का कथराही पंचायत का कथराही गांव का लगभग एक किलोमीटर कच्ची सड़क पूरी तरह से जर्जर स्थिति में है। बात अगर इस गांव की आबादी की करें तो इस गांव की आबादी लगभग तीन से चार हजार की है। कथराही गांव के 90 प्रतिशत बच्चे इसी जर्जर कीचड़ भरे रास्ते से पढ़ने के लिए एक किलोमीटर चलकर ईश्वरचक गांव जाना पड़ता है। बरसात के वक्त की हालत की बात करे तो इस कच्ची सड़क की हालत बद से वद्दतर रहता है। बच्चे और ग्रामीण इसी कच्ची सड़क से आने जाने का काम करते है। बरसात के वक्त जान जोखिम में डालकर पढ़ने जाते है। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा की आजादी के बाद से अभी तक कोई जनप्रतिनिधि ने इस जर्जर स्थिति के ऊपर ध्यान नहीं दिए है। चुनाव के दौरान वोट लेने के वक्त वादे करते है लेकिन चुनाव के बाद वादे हवा हवाई हो जाती है।
हालाकि इस गांव में जाने के लिए एक अन्य रास्ता है जो सीधे फोरलेन को जोड़ती है। अगर ग्रामीण और स्कूली बच्चे इस सड़क का इस्तेमाल करते है तो उन्हें ईश्वरचक गांव जाने में तीन से चार किलोमीटर की दूरी तय करना पड़ता है। अगर कथराही गांव के इस जर्जर सड़क का निर्माण हो जाय तो ईश्वर चक गांव की दूरी एक किलोमीटर हो जायेगी।वही स्थानीय मुखिया अनिल कुमार उर्फ रामचंद्र बिंद ने बताया की यह जमींदारी बांध है जिसपर पंचायत समिति के द्वारा ईट सोलिंग का काम पूर्व में किया गया था।मुख्यमंत्री सड़क योजना के तहत सड़क का निर्माण होना था लेकिन स्थानीय राजनीति के कारण यह सड़क का निर्माण नहीं हो सका।जिसके कारण आज यहां के हजारों ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। इसके पहले इस जमींदारी बांध को बचाने के लिए बोरे का गाइड बॉल देने का आग्रह संवेदक से किया गया था लेकिन संवेदक ने अनसुना कर दिया।