NEWSPR डेस्क। काबुल से राजनयिकों, अधिकारियों और पत्रकारों के दूसरे जत्थे को लेकर भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान गुजरात के जामनगर में उतरा। भारतीय वायुसेना के विमान ने हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय (एचकेआई) हवाई अड्डे से काबुल समय के करीब 8 बजे एटीसी पर अमेरिकी बलों की मदद से उड़ान भरी। अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन 120 अन्य राजनयिकों और अधिकारियों के साथ उड़ान में थे।
भारतीय वायुसेना की विमान के दोपहर करीब एक बजे दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है। भारत अब अमेरिकी बलों के काबुल में और निकासी के लिए नागरिक उड़ानों की अनुमति का इंतजार कर रहा है। भारतीयों का पहला जत्था रविवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से आ चूका है।
काबुल में कमांड की कोई श्रृंखला नहीं होने की वजह से, भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) और सुरक्षा अधिकारियों ने सोमवार से एचकेआई हवाई अड्डे पर निकासी शुरू कर दी थी क्योंकि काबुल में भारतीय मिशन से 15 चेक पोस्ट पर तैनात तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों के साथ बातचीत की गई थी। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए। भारत ने जाहिर तौर पर दो C-17 को स्टैंड-बाय पर रखा था ताकि जैसे ही अमेरिकी मानवयुक्त ATC ने हरी झंडी दिखाई, अधिकारियों को निकाला जा सके।
यह आगामी अराजकता ही वजह थी जिसके कारण एचकेआई हवाई अड्डे पर हताश अफगानों की मौत हो गई। इसके बाद ही अमेरिका ने सोमवार को काबुल से नागरिक उड़ानों को रोकने का फैसला किया और केवल सैन्य उड़ानों की अनुमति देने का फैसला किया। एचकेआई हवाईअड्डे को नागरिक उड़ानों के लिए खोले जाने के बाद अन्य भारतीयों को अफगानिस्तान से निकाला जाएगा।