NEWSPR डेस्क। बिहार में वाहन चलाने के नियमों में बदलाव किया गया है। बता दें कि गाड़ी जिनके नाम पर रजिस्टर की गई है। यदि उस इंसान की किसी कारण मृत्यु हो जाती है, तो वाहन मालिक की मौत के बाद वाहन का ट्रांसफर कराना अनिवार्य होगा। बिना ट्रांसफर कराए कोई भी संबंधित व्यक्ति उनकी गाड़ी नहीं चला पाएगा। अगर कोई ऐसा करता पकड़ा गया तो उनपर कार्रवाई की जाएगी।
बिना ट्रांसफर कराये संबंधित व्यक्ति द्वारा गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर मोटरयान अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही परिचालन के अयोग्य अथवा विनिष्ट हो चुके वाहनों का निबंधन रद्द कराना होगा। इस संबंध में परिवहन विभाग ने दिशा निर्देश जारी किया है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि विभाग को विभिन्न स्रोतों से जानकारी प्राप्त हो रही है कि परिचालन के अयोग्य अथवा विनिष्ट वाहनों के निबंधन संख्या का उपयोग कतिपय वाहनों में किया जा रहा। जिसका अवैध कार्यों के लिए उपयोग से इंकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने लोगों से अपील की है कि परिचालन के अयोग्य अथवा विनिष्ट हो चुके वाहन का निबंधन रद्द करा लें। तथा क्रय में अर्जित अथवा बिक्री किये गये वाहन का स्वामित्व अंतरण करा लें। बिना स्वामित्व अंतरण के परिचालित किए गए वाहनों का किसी अवैध कार्य में संलिप्त पाया जाता है, तो निबंधन प्रमाण पत्र में दर्ज वाहन स्वामी पर कार्रवाई की जायेगी।
जिस व्यक्ति के नाम से वाहन पंजीकृत है और उसकी मृत्यु हो जाने अथवा किसी सार्वजनिक नीलामी में क्रय किये गये वाहन के स्वामित्व का हस्तांतरण अनिवार्य है। बिना नाम स्थानांतरित कराये वाहनों का परिचालन मोटरयान अधिनियम/नियमावली के अनुसार दंडनीय है। मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा-55 के तहत परिचालन के अयोग्य अथवा विनिष्ट हो चुके वाहन का निबंधन रद्द कराने हेतु संबंधित निबंधन प्राधिकार के समक्ष विहित प्रक्रिया के अनुसार निबंधन रद्द करा सकते हैं।
वाहन निबंधन रद्द कराने के इच्छुक वाहन स्वामी आंशिक कर का भुगतान कर अपने वाहन का निबंधन रद्द करा सकते हैं। वाहनों के परिचालन के लिए जरूरी है कि वाहन के सभी कागजात-प्रदूषण प्रमाण पत्र, बीमा, दुरुस्ती प्रमाण पत्र, परिमट, पथकर एवं शुल्क अद्यतन हो। सभी कागजात अद्यतन नहीं होने की स्थिति में वाहन का परिचालन नियम के प्रतिकूल है एवं मोटरवाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में यह दंडनीय है।