गुरुवार को कैमूर के शारीरिक शिक्षको की बैठक अभ्यासार्थ स्कूल में की गईं। जिसमे सक्षमता परीक्षा, स्थानांतरण, कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट, नॉर्मलाइजेशन, जैसे तुगलगी फरमान के विरुद्ध शारीरिक शिक्षक डॉ. तुलसी प्रसाद सिंह के अध्यक्षता में की गई। बैठक में सर्वप्रथम बिहार राज्य प्रारंभिक प्रशिक्षित संघ के अध्यक्ष दिलीप कुमार पटेल,प्रवीण कुमार के समर्थन से शिक्षक एकता मंच कैमूर के संयोजक संतोष प्रसाद को बनाए जाने पर खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी है। साथ ही उनके नेतृत्व में आगामी घोषित 10 फरवरी को भभुआ पटेल चौक से एकता चौक तक मशाल जुलूस, 13 फरवरी को पटना विधान सभा का घेराव में भाग लेने हेतु अधिक से अधिक शिक्षको को भाग लेने हेतु आह्वान किया गया।
बैठक में शारीरिक शिक्षक शंभू शरण उपाध्याय, अमित कुमार,खुशबू मौर्या, सीमा पटेल, छाया सिंह, शौकत अली गद्दी ने कहा कि सभी शिक्षक संगठनों को एक हो जाने से केके पाठक, अर्धनिर्मित सरकार की नींव हिल चुकी है। जो शिक्षको पर कार्यवायी के लिए जिला महोदय से विनती कर रहे है। माननीय मुख्य मंत्री द्वारा मामूली परीक्षा जैसे मामलों को एक साजिस के तहत केके पाठक, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने तोड़ मरोड़ कर अपने तुगलकी फरमान से बीपीएससी जैसे परीक्षा का पैटर्न बना कर, तीन जिला का ऑप्शन देना शिक्षको के आर्थिक, मानसिक शारीरिक शोषण किया जा रहा है। जोकि माननीय मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री को बदनाम करना इनका नित्य काम हो गया है। जिससे शिक्षक आज के परिवेश में तनाव व दवाब में रह रहे है।
इस बैठक के अंत में अध्यक्षता कर रहे डा तुलसी प्रसाद सिंह ने कहा है कि हमसभी शिक्षको के सभी संघों के मिलन से एकता मंच बनाए जाने ,से केके पाठक डर गए है जो शिक्षको को पत्र के माध्यम से डराने का कार्य कर रहे है जो आने वाले समय में ठीक नही होगा हमलोग शिक्षक एकता मंच के माध्यम परीक्षा का बहिष्कार को जारी रखते हुए मशाल जुलूस में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेगे अगर अर्धनिर्मित सरकार हमारी मांगों को नही पूरी करती है तो 13 फरवरी को बिहार विधान सभा को घेराव में कैमूर से हजारी शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज कर सरकार का ईट से ईट बजा देगे।
इस मौके पर,मनोज चौबे,राकेश रोशन,रवि चौबे,अरविंद कुमार सिंह,अमित सिंह, अर्पणा सिंह,कमलदेव सिंह,कमलेश सिंह,संजय सिंह आदि सैकड़ों शिक्षक मौजूद थे।