यह बिहार ही है जहाँ डूबते सूर्य की पूजा होती है। शायद इसीलिए इसी बिहार के पूर्वी चम्पारण में जड़ से उखड़ चुके एक दरख़्त को फिर से जिंदा करने की कोशिश संभव हो सकी। मोतिहारी समाहरणालय परिसर में स्थित यह 100 साल पुराना पेड़ अपनी जड़ से उखड़ चुका था। लेकिन चंपारण प्रगोग ने इस पेड़ को आज फिर से हरा भरा कर दिया है।
जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक के गार्डियन ऑफ चंपारण ट्री अभियान के तहत इस पेड़ के आसपास चबूतरा बना कर इस ओर मिट्टी भराई का काम किया गया। लगभग 3 महीने की मेहनत ने रंग दिखाया। एक शानदार विजन से सिंचित हो यह पेड़ आज फिर से लहलहा उठा है।