15 सितंबर से ‘वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी’ का दो दिवसीय कार्यक्रम का होगा भव्य आयोजन।

Patna Desk

 

राजगीर के अंतराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय में 15 सितंबर से ‘वैशाली फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी’ का दो दिवसीय कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जा रहा है ।इस कार्यक्रम में नेपाल, श्रीलंका, चिली, मिश्र,अर्जेंटीना समेत नौ देशों प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, आइसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे के अलावे कई गण्यमान लोग शामिल हुए। इसके अलावे कार्यक्रम में नौ देशों के 19 प्रतिनिधि, कई देशों के राजदूत और उच्चायुक्त भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर वैश्विक स्तर के कलाकार के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। इसको लेकर नालंदा विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किये गये है। इस अवसर पर प्रियदर्शी दत्ता की पुस्तक का विमोचन भी गन्यमान लोगो के द्वारा किया गया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मीनाक्षी लेखी ने कहा भारत मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी है इसके लिए हम लोगों को देश दुनिया में प्रचार प्रसार करना चाहिए. वैशाली गणतंत्र के महत्व के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वैशाली पुरातत्व गणतंत्र है, कई स्थानों पर लोकतंत्र और गणतंत्र की व्यवस्था है उस व्यवस्था को बेहतर प्रकार से ऑर्गेनाइज किया गया था।उन्होंने कहा कि ऋग्वेद में 40 अथर्ववेद में नौ बार गणतंत्र शब्द का प्रयोग होता है। वही असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्वा सरमा ने सनातन धर्म को लेकर कहा कि सनातन धर्म को लेकर हो रहे लगातार दुष्प्रचार को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया उन्होंने कहा किरालू राहुल गांधी के इशारे पर ही इंडिया महा गठबंधन के लोग सनातन धर्म के प्रति अनर्गल बयान दे रहे हैं। राहुल गांधी के द्वारा ही इंडिया महागठबंधन के नेताओं को सनातन धर्म के प्रति बयान देने को लेकर उकसाया जाता है। इंडिया महागठबंधन का बस एक ही मकसद है सनातन धर्म को खत्म करना। वहीं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कस्टम को संबोधित करते हुए कहा भारत में गणतंत्र सदियों पहले आया है। भारत ने कोई भी निर्णय जनतांत्रिक तरीके से लिए हैं।उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने अपने अनुयायियों को बुद्धं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामी का का जो ज्ञान दिया है गणतंत्र परिलक्षित होती है।

बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि वैशाली गणतंत्र की जननी है, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र कैसा था, क्या प्रणाली थी कार्यक्रम क्या था लोगों को बताने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि वैशाली के महत्व के बारे में लोगों को बताने की आवश्यकता है और उन्होंने टेक्सबुक में वैशाली के पढ़ाई को शामिल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

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