बिहार में सार्वजनिक परिवहन को लेकर एक बड़ी पहल सामने आई है। राज्य सरकार ने राजधानी पटना सहित प्रमुख शहरी इलाकों में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इस योजना के तहत करीब 150 ई-बसें विभिन्न रूटों पर चलाई जाएंगी, जिससे लोगों को बेहतर, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल परिवहन सुविधा मिल सकेगी।
इन रूटों पर चलेंगी बसें
पटना के बेली रोड, दानापुर, फुलवारीशरीफ, एम्स, बिहटा, मनेर, दीघा और पटना सिटी जैसे प्रमुख रूटों पर 80 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी। वहीं, मसौढ़ी, नौबतपुर, पालीगंज सहित जिले के 10 से अधिक प्रखंडों को जोड़ते हुए 30 अतिरिक्त बसें भी चलेंगी। बाकी बसें अन्य शहरों में भेजी जाएंगी।
अगस्त के अंत तक आ जाएंगी बसें
यह सभी इलेक्ट्रिक बसें अगस्त के अंतिम सप्ताह तक बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSRTC) को मिल जाएंगी। फिलहाल चार्जिंग स्टेशन बनाने की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। पटना, गया, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में चार्जिंग पॉइंट्स के लिए स्थान तय कर लिए गए हैं। खासतौर पर पटना के फुलवारीशरीफ परिवहन परिसर और बैरिया बस टर्मिनल पर अत्याधुनिक चार्जिंग हब बनाए जा रहे हैं, जिनमें एक साथ 30 बसें चार्ज हो सकेंगी।
एक घंटे चार्ज, 250 KM तक चलेगी बस
नई ई-बसें पूरी तरह आधुनिक तकनीकों से लैस हैं। ये केवल एक घंटे की चार्जिंग में करीब 250 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगी। हालांकि भीड़भाड़ और ट्रैफिक की स्थिति में यह रेंज थोड़ा घट सकता है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे, लाइव ट्रैकिंग सिस्टम और महिलाओं की सुरक्षा हेतु पैनिक बटन भी लगाए गए हैं।
हर रूट पर 10-15 बसें, केंद्रीय निगरानी व्यवस्था
योजना के अनुसार, हर रूट पर 10 से 15 बसें उपलब्ध रहेंगी ताकि किसी क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन की कमी न हो। इन बसों की निगरानी पटना स्थित परिवहन निगम के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से की जाएगी। इससे किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी।
पर्यावरण को भी मिलेगा लाभ
नई योजना से न सिर्फ आम जनता को सुविधा मिलेगी, बल्कि डीजल बसों पर निर्भरता घटेगी, जिससे वायु प्रदूषण में भी उल्लेखनीय कमी आएगी। सरकार की यह पहल बिहार को हरित परिवहन की ओर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।