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23 साल की बेटी को 10 घंटे तक नहीं मिला इलाज, अस्पताल में परिजनों ने मचाया बवाल, हॉस्पिटल मैनेजर और कर्मियों पर मारपीट का आरोप

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NEWSPR डेस्क। आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया है। पेशेंट के इलाज में कोताही बरतने को लेकर परिजनों ने बवाल मचा दिया। मरीज के परिजनों ने हॉस्पिटल मैनेजर और अस्पताल कर्मियों पर मारपीट करने का आरोप लगाया है। हंगामे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले को शांत कराया। घटना आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की है।

जहां अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़ गांव निवासी सुनील सिंह की 23 वर्षीय पुत्री करिश्मा कुमारी का इलाज कराने आरा सदर आए हुए थे। जहां बीपी जांच कराने के विवाद में जमकर बवाल खड़ा हो गया। काफी देर तक हंगामा होने के बाद अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर अरुण मौके पर पहुंचे और मामले को समझा बुझाकर शांत कराया। दूसरी तरफ मरीज की इलाज भी शुरू करवाई, लेकिन हंगामे के दौरान मरीज करिश्मा की तबियत और बिगड़ने लगी। उसे देख परिजन और आक्रोशित हो गए।

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करिश्मा कुमारी के भाई राणा प्रताप सिंह ने बताया कि सोमवार को मेरी बहन की अचानक तबियत खराब हो गई। उसकी आवाज निकलना बंद हो गई थी। जिसके बाद हमलोग उसे इलाज के लिए अगिआंव पीएचसी में ले गए। जहां से डॉक्टर ने आरा रेफर कर दिया। जब वहां एंबुलेंस के सरकारी नंबर पर कॉल किया तो उसने झूठ बोल दिया। उसके बाद मैं उसे बाइक पर बैठाकर आरा सदर अस्पताल रात में ही ले आए। उस दौरान अगिआंव विधायक मनोज मंजिल भी आए थे और जिलाधिकारी से बात कराई थी। लेकिन उसके बाद भी इलाज नहीं किया जा रहा है।

वहीं राणा प्रताप सिंह ने बताया कि जब मैंने डॉक्टर से बोला कि मेरे मरीज का अभी तक बीपी क्यों नहीं जांच किया गया है। इस बात पर अस्पताल के स्टाफ मुझे गाली देने लगे और धक्का देने लगे। राणा ने बताया कि मैंने एक परिजन को इलाज कराने आई महिला को गोद में लेकर आ रहे देखा तो उसी का मैंने वीडियो बनाया था और बोला की आखिर स्ट्रेचर होने के बाद भी परिजन मरीज को गोद में लेकर क्यों आ रहे है। इसी बात पर स्टाफ भड़क गए और धक्का मुक्की करने लगे।

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