चंदन पांडेय
गिरिडीहः अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत अनुबंध पर नियुक्त पारा चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रूख अपनाया है। उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी के द्वारा आदेश जारी किया गया है, जिसमें सभी हड़ताली कर्मियों को 24 घंटे में काम पर वापस लौटने के लिए कहा गया है। उपायुक्त ने इस आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। काम पर नहीं लौटने की सूरत में उन्हे सेवा मुक्त कर दिया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि राज्य सरकार अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों के प्रोत्साहन भत्ता एवं अन्य मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है। ऐसे में कोरोना संक्रमण की अवधि में अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों का हड़ताल में चले जाने से जिले में चिकित्सा सेवाओं (कोविड-19 समेत) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य/जिले में कोविड-19 का संक्रमण में काफी तेजी आई है एवं इसके रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है। अभी भी राज्य/जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार के रोकथाम हेतु आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत काफी गतिविधियां प्रतिबंधित है। ऐसे स्थिति में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े हुए कर्मियों का हड़ताल पर जाना आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के साथ-साथ सरकारी आदेश की अवहेलना करना एवं राहत तथा बचाव कार्यों में बाधा डालने का धोतक है। जो सरकारी सेवा के नियमों के विरुद्ध है।
काम पर लौटने को कहा
अतः इस संबंध में उपायुक्त के द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत अनुबंध पर नियुक्त सभी हड़ताली अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों को निदेशित किया गया कि सभी चिकित्सा कर्मी इस आदेश निर्गत के 24 घंटे के अंदर अपने अपने काम पर लौट जाएं एवं कोरोना संक्रमण के राहत एवं बचाव कार्यक्रम के साथ-साथ अन्य आवंटित कार्यों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। निर्धारित समय सीमा के अंदर काम पर नहीं लौटने वाले कर्मियों के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 56, 57 एवं 65 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी एवं उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।