प्रिंस राज ने किया यौण शोषण : चिराग पासवान के चचेरे भाई और एलजेपी सांसद प्रिंस राज पर यौण शोषण का आरोप लगा है। ये आरोप स्वाती पटेल नाम की एक लड़की ने लगाई है। स्वाती का कहना है कि प्रिंस राज शादी का झांसा देकर उसके साथ यौण शोषण किया है। साथ ही प्रिंस राज पर वीडियो बनाने का भी आरोप लगाई है। साथ ही सने कहा है कि दिल्ली पुलिस उसका मामला तक दर्ज नहीं कर रही है।
किसी को ब्लैकमेल नहीं कही, किसी के पास सबूत है तो पेश करे : स्वाती पटेल ने कहा कि वो किसी को ब्लैकमेल नहीं कि हैं, अगर वो किसी को ब्लैकमेल की हैं, तो उनके खिलाफ सबूत पेश करें। स्वाती पटेल ने कहा कि चिराग पासवान मामले में उनका जिक्र कर ड्रामा कर रहे हैं। स्वाती ने साफ शब्दों में कहा कि प्रिंस राज ने उसके साथ क्या किया है। हर एक बात की जानकारी उसने चिराग पासवान को दी थी। चिराग पासवान ने मदद करने का भरोसा भी दिया था, लेकिन बाद में वो भी इग्नोर करने लगे। अपने उपर दर्ज मामला के बारे में बताया कि जब वो पार्टी छोड़ दी थी, तो उसके बाद उनपर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया था।
हर जगह की शिकायत, पर कही नहीं मिल रही मदद : स्वाती पटेल का कहना है कि वह प्रिंस राज की शिकायत डीसीपी, लोकसभा स्पीकर आदि से की है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने आगे कहा ‘मैं 15 दिन से थाने के चक्कर लगा रही हूं। कनॉट प्लेस में पुलिस के पास एफआईआर दर्ज कराने जाती हूं तो प्रिंस राज के वर्तमान सांसद होने का हवाला देकर केस दर्ज करने से इनकार कर दिया जाता है। कहा जाता है कि ऊपर से आदेश हैं, हम कुछ नहीं कर सकते।’ स्वाति ने आगे कहा कि वह अपने मामले की सुनवाई ना होने से परेशान हो गई हैं, इसलिए उसने कई बार आत्महत्या का प्रयास भी किया है।
चिराग ने चिट्टी में किया था मामले का जिक्र : गौरतलब है कि एलजेपी में विरोध का सामना कर रहे चिराग ने मंगलवार दोपहर ट्विटर पर एक चिट्ठी शेयर कर अपने चचेरे भाई और सांसद प्रिंस राज से जुड़े एक मामले का जिक्र किया था जिसमें एक महिला ने उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। चिराग ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि बड़ा भाई होने के नाते उन्होंने प्रिंस को पुलिस के पास जाने की सलाह दी थी ताकि झूठ और सच का पता चल सके और दोषी को दंड मिले। चिराग ने इस चिट्ठी क जरिए यह बताने की कोशिश कर रहे थे कि इतने महत्वपूर्ण मसले पर भी बागी हुए चाचा पशुपति पारस ने कोई सलाह नहीं दी और कन्नी काट गए जबकि यह मुद्दा पार्टी के साथ परिवार की भी प्रतिष्ठा से जुड़ा था।