NEWSPR डेस्क। पटना जन्म देने से बड़ा जान बचाने वाला होता है. धरती के भगवान डॉक्टर को कहा जाता है. आज हम आपको एक ऐसे सख्सियत के बारे में बताने जा रहे है जिसको देखकर और सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। उम्र 40, वजन 100 किलो से ऊपर नाम डॉक्टर अभिषेक ये तस्वीर में जो आपको आदमी दिख रहा है ये भले ही दिखने में साधारण लगे लेकिन इसके जज्बे को आप भी सलाम करियेगा।
डॉक्टर अभिषेक सोनपुर सदर अस्पताल में पदस्थापित है और इन्हें लोग रॉबिन हुड भी कहते है. कोरोना का कोहराम पूरे देश मे अपना विकराल रूप धारण कर चुका था लेकिन हालिया दिनों में लॉक डाउन के वजह से स्तिथि कुछ सुधरी है. कोरोना से बचने का एक आखरी उपाय वैक्सीन लेना माना जा रहा है लेकिन हालात ये है की लोग वैक्सीन को लेना नही चाहते लोगो के जहन में ये डर है.
आप वैक्सीन लीजिएगा तो आपकी मौत हो जाएगी। ऐसी अफवाहें आम है ये अफवाह ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैला हुआ है. जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में वैक्सिननेशन कई रफ्तार काफी धीमी गति से चल रही है. वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घर घर टीकाकरण को लेकर टिका एक्सप्रेस की 121 वाहनो को हरि झंडी दिखा कर रवाना किया था. हालांकि सरकार की ओर से लोगो को लगातार जागरूक किया जा रहा है. लोग वैक्सीन लेने के लिए तत्पर हो इसके अलावा डॉक्टर अभिषेक ने भी इस मुहिम में अपना योगदान कुछ कम नही किया है लगातार वे अपने बचे समय में बाइक से निकल पड़ते है.
जहां सड़क न भी हो वहां पहुंच लोगो को वैक्सिननेशन के लिए जागरूक करते दिखते है. और ये मुहिम रंग लाते जा रही है. डॉक्टर अभिषेक प्रतिदिन 70 से 80 किलोमीटर बाइक चलाते है और हर ग्रामीन इलाके में जाकर लोगो से बात करते है लोगो को समझाते है कि वैक्सीन बहुत जरूरी है. आप समझ सकते है जिस इंसान का वजन 100 किलो से ज्यादा हो उसके लिए ये काम आसान नही है. लेकिन जुनून हो तो किसी काम को पूरा किया जा सकता है.
डॉक्टर अभिषेक अभी तक 40 गाँव मे जा चुके है और मुहिम का ही रिजल्ट है लोग वैक्सीन लेने में दिलचस्पी दिखा रहे है. प्रतिदिन डॉक्टर अभिषेक अस्पताल जाते है इलाज करते है उसके बाद अपने काम मे निकलते है। अभिषेक ने कहा 65 प्रतिशत सरकार ने अपना काम कर दिया। अब जनता को कदम से कदम मिलाकर कोरोना को हराना है.
आपको बता दे पटना के कदमकुआं इलाके के रहने वाले है डॉक्टर अभिषेक हर तरह से परिपूर्ण है लेकिन गरीबो की सेवा के लिए तत्पर रहते है. जब आवास पर रहते है और किसी को परेशानी भी आ जाये तो मदद करने के लिए तैयार हो जाते है पिछले साल भी कोरोना में जान को जोखिम में डालकर लोगो की सेवा में लगे थे. इस बार फिर कोरोना को हराने के संकल्प ली है.
पटना से विक्रांत की खास रिपोर्ट…