बिहार का एक ऐसा गांव, जहां चैत्र नवरात्र में लगता है भूतों का मेला, प्रेत आत्माओं से मिलती हैं मुक्ति

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पूरे भारत में चैत्र नवरात्र की धूम है। सभी मां की दर्शन कर पूजा अर्चना कर रहे है। वहीं गोपालगंज में इस अवसर पर भूतों का मेला लगता है। गोपालगंज में एक गांव है, जहां हर नवरात्र में भूतों का मेला लगता है। जिले के थावे प्रखण्ड के लछवार गांव में स्थित मां दुर्गा भवानी के मंदिर में रामनवमी के मौके पर भूतों का जमघट लगता है। यहां पुरुष महिलाएं पहुंच कर प्रेत बधाओ से मुक्ति पाते हैं। साथ ही मान्यता यह है की यहां दुर्गा मंदिर में आने वाले भक्तों की हर पीड़ा दूर हो जाती है। हर साल नवरात्र के मौके पर यहां दुर्गा मंदिर में दूर दराज से भक्त आते हैं। कहा जाता है कि यहां आने वाले भक्तों को मां की असीम कृपा प्राप्त होने के साथ ही उनके दु:ख और रोग भी नष्ट हो जाते हैं। यहीं कारण है कि ऐतिहासिक लछवार धाम को यहां प्रेत बाधा से मुक्ति धाम भी कहा जाता है।

वैसे तो इस स्थान पर हमेशा ही भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन शारदीय नवरात्र हो या फिर चैती नवरात्र में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। यहां सिर्फ गोपालगंज के ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के साथ यूपी और नेपाल तक से भक्त मां का दर्शन करने आते हैं और असाध्य से असाध्य पीड़ा से मुक्ति पाकर अपने घरों को लौटते हैं। नवरात्र में तो यहां अजब नजारा देखने को मिलता है। कहीं औरतें जोर-जोर से सिर हिला रही होती है तो कहीं कोई महिला दौड़ लगा रही होती है। ना कपड़ों की चिंता और ना ही आसपास खड़े लोगों का कोई असर। संवेदनहीन दिख रही महिलाओं पर शायद भूतों का असर होता है। हर व्यक्ति अपने आप में मस्त। ऐसी मान्यता है कि यहां के मिट्टी के स्पर्श मात्र से प्रेतात्माएं शरीर छोड़ देते हैं।


वहीं स्थानीय लोग बताते हैं कि पूर्व में यह देवी स्थान गांव के पश्चिम दिशा में स्थापित था। लगभग सौ साल पहले नारायण टोला सिंहपुर निवासी बाबा कल्लू पाण्डेय को देवी ने दर्शन दिया। उन्होंने कहा कि मेरे इस स्थान को गांव के पूरब दिशा में ले चलो। इसके बाद बाबा ने नारायणपुर पंडित टोला के पूरब (लक्षवार धाम) में देवी के स्थान को अपने ही जमीन में स्थापित किया और देवी का पिंड रख एक कोठरी बनाकर रहने लगे। इसी बीच लोग देवी स्थान के दर्शन के लिए आने लगे और कई असाध्य रोग और प्रेतात्माओं से मुक्ति मिलने लगी। यह बात धीरे-धीरे फैलती गयी। आज इस मंदिर में प्रत्येक दिन रोग और तथा प्रेत बाधा मुक्ति के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं।

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