लंबे इंतज़ार के बाद पटना म्यूजियम आज से आम जनता के लिए खोल दिया गया है। करीब दो वर्षों से बंद रहे इस ऐतिहासिक धरोहर को अब आधुनिक तकनीकी सुविधाओं और नए रूप-रंग में पेश किया गया है। म्यूजियम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां आने वाले दर्शक अब AI आधारित चाणक्य से सवाल पूछ सकते हैं, और उन्हें तुरंत उत्तर भी मिलेगा।प्रवेश शुल्क को भी रखा गया है सहज – वयस्कों के लिए टिकट मात्र ₹50 और बच्चों के लिए ₹25 निर्धारित किया गया है। हालांकि हर सोमवार को म्यूजियम बंद रहेगा।
बिहार म्यूजियम बिनाले से होगा भव्य आग़ाज़-
7 अगस्त से शुरू हो रहे बिहार म्यूजियम बिनाले के मौके पर पटना म्यूजियम में अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियाँ लगाई जाएंगी। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए म्यूजियम के हर हिस्से को विशेष रूप से सजाया गया है।गंगा गैलरी में गंगा नदी की सांस्कृतिक यात्रा को अत्याधुनिक 3D ऑडियो-विजुअल तकनीक से जीवंत रूप में पेश किया गया है। शाहाबाद से लेकर संथाल क्षेत्र तक गंगा की 445 किमी की सांस्कृतिक विरासत को कलात्मक रूप से दर्शाया गया है। डिजिटल गंगा धाराओं पर चलने का अनुभव भी दर्शकों के लिए अनूठा होगा।
संस्कृति और विरासत की अनमोल झलक-
म्यूजियम की गैलरियों में बिहार के सात सांस्कृतिक क्षेत्रों – शाहाबाद, मगध, कोसी, अंग, तिरहुत, मिथिला और सीमांचल – की झलक देखने को मिलेगी। यहां की पारंपरिक कलाएं जैसे मधुबनी, मंजूषा, टिकुली, और लोक नृत्य जैसे झिझिया, जट-जटिन, बिदेसिया, सोहर को बारीकी से प्रदर्शित किया गया है।विशेष आकर्षणों में 20 करोड़ वर्ष पुराना 53 फीट लंबा जीवाश्म वृक्ष और डिजिटल अष्टाध्यायी संस्कृत व्याकरण पुस्तक शामिल है, जिसे टच स्क्रीन पर पढ़ा जा सकता है।
पाटली गैलरी – मगध से पाटलिपुत्र तक की ऐतिहासिक यात्रा‘पाटली गैलरी’ में मगध साम्राज्य के उत्थान से लेकर पाटलिपुत्र की सांस्कृतिक विरासत को डिजिटल माध्यम से दर्शाया गया है। प्रवेश द्वार पर 16 फीट ऊँची पाटलिपुत्र शहर की डिजिटल प्रतिकृति और एक विशाल डिजिटल द्वार आगंतुकों का स्वागत करता है। मेगास्थनीज और फाह्यान के यात्रा वृत्तांतों को चित्रों और प्रदर्शनों के ज़रिए जीवंत किया गया है।
158 करोड़ की लागत से बना अत्याधुनिक भवनपटना म्यूजियम का नया परिसर 158 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसमें दक्षिण ब्लॉक में स्वागत कक्ष, कैफेटेरिया, 105 सीटों वाला ऑडिटोरियम, और अस्थायी गैलरी हैं। वहीं, उत्तर ब्लॉक में प्रशासनिक खंड, संरक्षण प्रयोगशाला, संग्रह भंडार के साथ अत्याधुनिक तकनीक – QR कोड, 3D इफेक्ट, होलोग्राम और डिजिटल मैपिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
अब आम लोग इस सांस्कृतिक धरोहर का आनंद उठा सकेंगे, जो परंपरा और तकनीक के अद्भुत मेल का प्रतीक बन गया है।