NEWSPR डेस्क। आरा बिहार के भोजपुर में 13 दिन पहले बेचा गया एक नवजात बच्चा आखिरकार पुलिस की सक्रियता और दबाव के चलते सुरक्षित मिल गया है। इस मामले में सात लोगों की गिरफ्तारी हुई है। बच्चे को खरीदने वाली महिला झारखंड की रहने वाली है। महिला खुद बच्चे को लेकर गड़हनी थाने पहुंची। यह डील ग्रामीण डॉक्टर के साथ 4.50 लाख रुपये में तय हुई थी, जिसमें से 3.50 लाख रुपये डॉक्टर को दिए जा चुके थे। बच्चे के मिलने की खबर सुनकर मां खुशबू कुमारी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और वह अपने बेटे को सीने से लगाकर रो पड़ी। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है, जहां एक सास ने अपनी बहू के नवजात बेटे को पैसों के लिए बेच दिया था।
मामला भोजपुर के अगिआंव पीएचसी के बाहर शुरू हुआ, जहां जन्म के तुरंत बाद एक नवजात को बेच दिया गया था। पुलिस की लगातार दबिश और सात आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, बच्चे को खरीदने वाली महिला पूनम शर्मा खुद बच्चे को लेकर गड़हनी थाने पहुंच गई। पूनम शर्मा झारखंड के रामगढ़ जिले की रहने वाली है। पूछताछ में उसने बताया कि बच्चे के लिए 4.50 लाख रुपये में सौदा हुआ था और उसने ग्रामीण डॉक्टर को 3.50 लाख रुपये दे दिए थे। बाकी रकम अन्य सहयोगियों में बांटी जानी थी।
पुलिस ने पूनम शर्मा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपी एक संगठित गिरोह का हिस्सा हैं, जिसके तार बिहार से झारखंड तक फैले हुए हैं। यह गिरोह बच्चों को चोरी करके या खरीदकर जरूरतमंदों को लाखों रुपये में बेचता था। पुलिस अब इस गिरोह के कलेक्शन नेटवर्क और पहले की गई वारदातों की जानकारी जुटा रही है। जरूरत पड़ने पर आरोपियों को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ की जाएगी।
बेटे की लव मैरिज से नाराज थी मां
खुशबू कुमारी और चितरंजन कुमार ने लव मैरिज की थी, जो रिश्ते में चचेरे भाई-बहन थे। इस बात से खुशबू की सास क्रिंता देवी नाराज थी। इसी नाराजगी और अपने बेटे-बहू को अलग करने की नीयत से, क्रिंता देवी ने 7 दिसंबर को अगिआंव पीएचसी में जन्म लेने के तुरंत बाद अपने नवजात पोते को बेच दिया। खुशबू को इस साजिश की भनक तक नहीं लगी। नवजात को बेचने में क्रिंता देवी को पड़ोसी महिला और रिश्तेदारों का भी सहयोग मिला। बच्चे को ग्रामीण चिकित्सक दिलीप उर्फ हरिशंकर पंडित को सौंप दिया गया था।
खुशबू कुमारी ने 16 दिसंबर को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खुशबू की सास क्रिंता देवी, उसी गांव की कविता शर्मा, आरा निवासी कविता शर्मा की रिश्तेदार, होमगार्ड सिपाही चांदनी शर्मा और डॉक्टर की सहयोगी प्रीति कुमारी को गिरफ्तार किया। इन चारों की गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक अहम कड़ी साबित हुई। पुलिस का दबाव बढ़ने पर मुख्य आरोपी ग्रामीण चिकित्सक दिलीप उर्फ हरिशंकर पंडित ने थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। उसकी निशानदेही पर उसके दो अन्य सहयोगियों को औरंगाबाद और पीरो से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में तीनों ने बताया कि नवजात को झारखंड की एक महिला को बेचा गया है। इसके बाद झारखंड में पुलिस की दबिश बढ़ाई गई, जिससे घबराकर बच्चे को खरीदने वाली महिला खुद नवजात को लेकर गड़हनी थाने पहुंच गई।