NEWSPR DESK- बिहार में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह होने वाली है। पटना हाईकोर्ट में कोरोना मामले पर हो रही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण केसों की संख्या में 15 से 16 फीसदी की दर से वृद्धि हो रही है। इस समय राज्य में करीब 56 हजार कोरोना के एक्टिव मामले हैं।
] इस तरह आगामी 30 अप्रैल तक यह संख्या करीब 20 हजार प्रतिदिन तक जाने की आशंका है। यानी अगले 10 दिनों में दो लाख नए मामले आने का अंदेशा है। तब सक्रिय केसों की संख्या डेढ़ लाख तक हो जाएगी। बुधवार शाम साढ़े चार बजे से हुई सुनवाई के दौरान सरकार ने इससे निपटने के लिए एक्शन प्लान भी बताया। वहीं, मामले पर अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजीत कुमार ने सरकार की तरफ से बताया कि नए केस के कुल मामलों में 20 फीसदी लोगों को अस्पताल में इलाज की जरूरत होगी। 10 फीसदी लोगों को ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता होगी। इस तरह 30 हजार सामान्य तथा 15 हजार ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता राज्य को है।
इसके लिए पटना के एनएमसीएच, गया के एएनएमसीएच तथा भागलपुर के जेएलएमएनसीएच को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल घोषित किया जा चुका है। इन अस्पतालों में 1600 ऑक्सीजन बेड बढ़ाए जाएंगे। बिहटा ईएसआईसी अस्पताल में 60 ऑक्सीजन बेड को बढ़ाकर 500 किया जाएगा। राजेंद्रनगर स्थित आई अस्पताल को डीसीएचसी में विकसित कर 100 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था की जा रही है।
आईजीआईएमएस में 47 ऑक्सीजन बेड को बढ़ाकर 100 किया जा रहा है। वहीं पटना एम्स में 220 ऑक्सीजन बेड हैं, जिसे बढ़ाने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया गया है। कंकड़बाग स्थित मेदांता हॉस्पिटल को 200 बेड का डीएचसी बनाने का काम किया जा रहा है। होम आइसोलेशन वाले को निरंतर मेडिकल किट दी जा रही है।