बाढ़ के कारण पहले से ही दहशत में लोग, पिछले साल ग्रामीणों और किसानों का हुआ था बुरा हाल

NEWSPR डेस्क। बिहार शरीफ मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रहुई प्रखण्ड जहां हर साल बाढ़ की त्रासदी का दंश हजारो ग्रामीणों और किसानों को झेलना पड़ता है। हर बार सरकार से लेकर सरकार के नुमाइंदे बाढ़ से बचाव को लेकर बड़े बड़े दाबे करती है लेकिन यह सभी दावे बाढ़ के वक़्त खोखला साबित हो जाता है।

गौरतलब है कि साल 2021 में भी भारी बारिश के कारण रहुई,बिंद सरमेरा,बिहार शरीफ हिलसा और अस्थावां प्रखण्ड में बाढ़ की तबाही का मंजर देखा गया था यह तबाही का मंजर सबसे ज्यादा रहुई और रहुई से सटे बिंद सरमेरा में देखने को मिला था। रहुई प्रखंड में तो बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा तबाही मची थी। मथुरापुर गांव के पास पहियारा तटबंध में बाढ़ के कारण तटबंध टूटने से हवनपुरा, मई फरीदा सोनसा समेत कई पंचायत पूरी तरह से जलमग्न हो चुका था।

हजारों हेक्टेयर में लगी फसल भी पानी के बहाव के कारण तबाह हो चुकी थी। लोग अपने घरों की छतों पर रहकर कई रात गुजारने के काम किया। हालांकि उस वक़्त भी प्रशासन द्वारा यह दावा किया गया था कि इस बाढ़ से निपटने को लेकर सरकार पहल कर रही है। सरकार द्वारा पहल करते करते एक साल बीतने को हो और फिर से इसी पहल के सहारे रहुई के 15 गांव के हजारों ग्रामीणों को इस बार भी बाढ़ जैसी त्रासदी का दंश शायद झेलना होगा। इस बार विभाग द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए पहियारा तटबंध समेत कई जर्जर तटबंधों की चुस्त दुरुस्त किया जा रहा है।

ताकि इस बार जब जलप्रलय हो तो बाँध के सहारे किसी तरह से पानी को निकाला जा सके। ग्रामीणों के द्वारा विभाग की तरफ से की जा रही व्यवस्था को खानापूर्ति बताते हुए कहा कि जिस पहियारा तटबंध की उड़ाई करवाने की जरुरत है उसका सिर्फ मरम्मती किया जा रहा है। दुल्चन्दपुर गांव के पास जिस जर्जर तटबंधों को ठीक किया जा रहा है उस पंचाने नदी की भी उड़ाई और चौड़ीकरण की जरूरत है क्योंकि कई सालों से पंचाने नदी और पहियारा तटबंध की उड़ाई नही होने से उसमें कीचड़ का गाद जमा हो गया है।

जिससे बाढ़ के वक़्त वाटर लेवल ऊपर आ जाने से तटबंध टूट जाती है और जलप्रलय देखने को मिलता है। सरकार से ग्रामीणों ने तटबंधों की उड़ाई को लेकर आग्रह किया है। ग्रामीणों ने कहा कि बाढ़ से बचने के लिए जो उपाय किया जा रहा है। इस उपाय से आम जनता में खुशी नही है।लोगो मे सिर्फ मायूसी और इस बार बाढ़ की त्रासदी को लेकर भय व्याप्त है।सिर्फ और सिर्फ बाढ़ से निपटने को लेकर एक औपचारिकता पूरा किया जा रहा है। सरकार के रुपयों का बंदरबांट किया जा रहा है।

ऋषिकेश संवाददाता नालंदा

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