गया -ज्ञान की भूमि बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर में एक वृक्ष के देखभाल वैज्ञानिक करते हैं। इस वृक्ष का नाम है बोधि जिसके नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
यही वजह है कि देश-विदेश से लाखों की संख्या में विदेशी पर्यटक श्रद्धालु यहां आते हैं और इस बोधि वृक्ष के नीचे बौद्ध भिक्षु और बौद्ध श्रद्धालु साधना करते हैं। महाबोधि वृक्ष एक-एक पत्ता श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद के समान होता है और बोधि वृक्ष की धार्मिक महत्व को देखते हुए बीटीएमसी इसका पूरा ख्याल रखता है। समय-समय पर महाबोधि वृक्ष के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। वन अनुसंधान इंस्टिट्यूट के दो वैज्ञानिक संतन वर्धवाल और शैलेश पांडे बोधगया पहुंचकर बोधि वृक्ष की स्वस्थ की जांच की है। बोधि वृक्ष की स्वास्थ्य जांच के अलावा उसके आसपास का निरीक्षण किया गया और बताया कि सभी शाखाओ में स्वास्थ्य हरी पत्तियां है। आवश्यकता अनुसार बोधि वृक्ष को फंगस और कीटों से बचाव को लेकर नीम आधारित एंटी फंगल का छिड़काव किया गया। सूखी टहनियों और शाखाओं को हटाया गया है। एफआरआई देहरादून के वैज्ञानिकों की देखरेख में हर 3 महीने पर बोधि वृक्ष की स्वास्थ्य की जांच की जाती है और समय-समय पर आवश्यक उपाय बताए जाते हैं। बीटीएमसी और एफआरआई देहरादून के बीच बोधि वृक्ष की संरचना और रखरखाव को लेकर समझौता किया गया है इसी समझौता के तहत एफआरआई के वैज्ञानिक जांच करने समय समय पर आते हैं।