NEWSPR डेस्क। चंद्र ग्रहण को लेकर कई मान्यताएं हैं। ऐसा कहा जा रहा कि 15-16 मई को साल 2022 का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। जो कि पूर्ण चंद्र ग्रह 3 घंटे, 27 मिनट और 58 सेकेंड का होगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में कितना असर करेगा। इसकी कोई जानकारी और पुष्टी नहीं है। बताया जा रहा कि इस बार चांद खूनी लाल रंग का दिखाई देगा। साल में 2 बार ही ऐसा संयोग देखने को मिलने वाला है।
वैज्ञानिक इसे सुपर लूनर इवेंट कह रहे हैं। क्योंकि पूर्ण ग्रहण भी होगा और चांद का रंग खूनी लाल रंग का भी होगा। बता दें कि जब चांद और सूरज के बीच धरती आ जाती है तब चंद्र ग्रहण होता है। चांद अपनी कक्षा में पांच डिग्री झुका हुआ है। इस वजह से इसलिए फुल मून यानी पूर्ण चांद धरती की परछाई के या थोड़ा ऊपर रहता है। या फिर थोड़ा नीचे लेकिन चांद अपनी कक्षा में दो बार ऐसी स्थिति में आता है।
जब वह धरती और सूरज के सामने एक ही हॉरिजोंटल प्लेन पर रहता है। बता दें कि इस बार इस ग्रहण को दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर में देखा जा सकेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 16 मई को ही वैशाख पूर्णिमा है। इसी दिन महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था।
यानी 16 मई को वैशाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा और साल का पहला चंद्र ग्रहण तीनों साथ होंगे। भारतीय समय के अनुसार यह चंद्र ग्रहण 16 मई की सुबह 08 बजकर 59 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। हालंकि इसका सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा। चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। फिर भी धार्मिक लोग अपने हिसाब से अनुष्ठानों का पालन करेंगे। ग्रहण से जुड़ी तमाम सावधानियां बरतेंगे।