NEWSPR डेस्क। 17 साल की समृद्धि ने घुटने टेक दिये। उद्योगपति आनंद महिंद्रा की मदद भी काम नहीं आई। बुधवार को तड़के पलामू की रहने वाली समृद्धि ने रांची के मेडिकल अस्पताल में अंतिम सांस ली। महिंद्रा ने मंगलवार को ही उसकी मदद को दस लाख रुपये दिये थे। मदद में कुछ और हाथ भी उठे थे मगर तब तक देर हो गई। उसको बचाने की कोशिशों पर पानी फिर गया।
कोरोना संक्रमण के बाद बेहतर इलाल के लिए उसे रांची लाया गया था। वह रांची के आलम नर्सिंग होम में भर्ती थी। समृद्धि का फेफड़ा 90 प्रतिशत तक संक्रमित हो गया था। ऑक्सीजन लेबल भी घटकर 70-72 पहुंच गया था। डॉक्टरों के अनुसार जान बचाने के लिए एक्मो मशीन के सपोर्ट की दरकार थी। रांची में सिर्फ एक ही एक्मो मशीन है जो किसी मरीज के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। समृद्धि को बचाने के लिए करीब पचास लाख रुपये के मदद की दरकार थी। एयर एंबुलेंस से किसी दूसरे प्रदेश में ले जाने की दरकार थी।
परिवार वालों की माली हालत ऐसी नहीं थी कि अपने बूते यह कर पाते। मदद पहुंचने और तबीयत बिगड़ने के बाद आधी रात को उसे रांची के मेडिका अस्पताल में शिफ्ट किया गया मगर दो-ढाई घंटे के बाद ही बुधवार को तड़के कोई दो बजे उसने दम तोड़ दिया।
पलामू के रहने वाले नोटरी पब्लिक संजय गुप्ता को जब डॉक्टरों ने कहा कि एक्मो मशीन के सपोर्ट की दरकार है और पता चला कि रांची में सिर्फ एक ही मशीन है वह भी इंगेज है तो संजय के हाथ-पांव फूल गये। बेटी की जान बचाने के लिए कैसे एयर लिफ्ट कर दूसरे बड़े शहर में ले जाया जाये। तब समृद्धि के मौसेरे भाई अमर्त्य ने ट्विटर का इस्तेमाल कर लोगों से मदद मांगी।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी संज्ञान लिया और ट्विट कर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से जरूरी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को कहा। बन्ना गुप्ता भी सक्रिय हुए, पूर्व भाजपा विधायक कुणाल षाडंगी भी आगे आये। सोशल मीडिया पर अपील ट्रेंड करने लगा। इसी बीच महिंद्रा एण्ड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने नोटिस लेते हुए समृद्धि के खाते में मंगलवार को दस लाख रुपये भेजे पलामू चैंबर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष सह महिंद्रा एण्ड महिंद्रा आनंद मोटर्स के संस्थापक आनंद शंकर ने भी समन्वयक की भूमिका निभाई, मेडिका अस्पताल में बात की।
पत्रकार सोहन सिंह भी मददगार बने। समृद्धि मंगलवार की आधी रात मेडिका में शिफ्ट भी किया गया मगर सारी कवायद बेकार साबित हुई। समृद्धि जिंदगी की जंग हार गई।