देश में जनगणना के साथ जातीय गणना की मंजूरी: जदयू ने फैसले का स्वागत किया

Patna Desk

मोदी सरकार ने देशभर में होने वाली आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना को भी शामिल करने की मंजूरी दे दी है। इस फैसले का जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने खुले दिल से स्वागत किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकारी संजय कुमार झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताते हुए कहा कि यह फैसला वंचित वर्गों के लिए नई आशा की किरण बनकर आया है।

संजय झा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जातीय गणना से समाज के पिछड़े और उपेक्षित वर्गों की सही पहचान हो सकेगी और उनके कल्याण के लिए ज्यादा प्रभावी योजनाएं बनाई जा सकेंगी। उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री शाह को जदयू की ओर से धन्यवाद दिया।उन्होंने आगे कहा कि बिहार ने इस दिशा में पहले ही पहल करते हुए राज्य में जातीय गणना कराई और उसके परिणाम भी पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक किए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘न्याय के साथ विकास’ की नीति के तहत यह कदम उठाया गया, ताकि समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर किया जा सके।झा ने याद दिलाया कि आजादी से पहले की जनगणनाओं में जातिगत आंकड़े दर्ज किए जाते थे, लेकिन 1951 में कांग्रेस सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। इसके चलते दशकों से वंचित तबकों की सटीक पहचान नहीं हो पा रही थी, जो नीति-निर्माण में एक बड़ी बाधा बनी रही।उन्होंने यह भी कहा कि 2011 में यूपीए सरकार द्वारा कराए गए जातीय सर्वे में भारी विसंगतियां थीं, जिसके कारण उसके आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए जा सके। अब केंद्र की एनडीए सरकार ने पूरे देश में समुचित और सटीक जातीय गणना कराने का जो निर्णय लिया है, उससे आने वाले वर्षों में सकारात्मक बदलाव नजर आएंगे।इसके साथ ही संजय झा ने याद दिलाया कि सामान्य वर्ग के गरीबों को 10% आरक्षण देने का ऐतिहासिक निर्णय भी एनडीए सरकार ने ही किया था, जिसे पहले की सरकारें नज़रअंदाज़ करती रही थीं।

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