NEWSPR डेस्क। गर्मी में सूखे हलक को ठंड पहुंचाने के लिए देसी फ्रिज की मांग बढ़ गई है। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के घरों में देसी फ्रिज का ठंडा पानी आसानी से मिल जाता है। पर अब डॉक्टरों की सलाह पर सुखी संपन्न लोगों के घरों में भी मिट्टी के बने देसी फ्रिज का इस्तेमाल होने लगा है ।
मार्च माह में ही तापमान बढ़ गया है। तेज धूप से आमजन काफी परेशान हैं। तेज धूप ने लोगों का हाल-बेहाल कर दिया है। ऐसे में ठंडे पानी के लिए लोगों को मिट्टी के बने सुराही और घड़े काफी पसंद आ रहे है। बाजारों में लोग दुकानों पर जाकर देसी फ्रीज खरीद रहे है। मुंगेर शीतला स्थान के बाहर मिट्टी के बर्तन बेच रहे उमेश कुमार ने बताया की गर्मी में ठंडे पेयजल के रूप में काम के लिए जाने वाले मिट्टी के घड़ो की मांग बढ़ने लगी है। सेहत के लिए उत्तम और शीतल पानी के लिए लोग डिमांड कर रहे हैं। रेफ्रिजरेटर का ठंडा पानी सभी लोगों के स्वास्थ्य के अनुरूप नहीं होता है। मार्केट में अब कई तरह के सुराही और घड़े आ गए है। जिसमे अब नल भी लगा रहता है। इसकी कीमत 60 से लेकर 150 रुपये तक की है।
गर्मी के शुरू होने के साथ ही आम लोगों के घरों में मिट्टी के बने देसी फ्रिज सुराही और घड़े का पानी बखूबी इस्तेमाल होता है। लेकिन आधुनिकता और भौतिकवादी का दौर शुरू होते ही रेफ्रिजरेटर ने अपनी जगह बना ली है। लोग अब भौतिकवादी से निकल अब डॉक्टरों के सलाह पर मिट्टी के घड़े युक्त बर्तन में पानी रख उसका सेवन कर रहे है। देसी फ्रीज खरीदने पहुंचे राजकुमार ने बताया कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी देसी फ्रिज का शीतल पानी काफी अच्छा होता है। रेफ्रिजरेटर के पानी के मुकाबले सुराही और घड़े के पानी का अलग ही स्वाद होता है। गर्मी में लोग घड़े के पानी का सेवन करना पसंद करते है।
मुंगेर से मो.इम्तियाज की रिपोर्ट