गंगा का पानी घटते ही जिला प्रशासन ने झौंकी पूरी ताकत, रात दिन चल रहा घाटों को तैयार करने का काम

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पटना जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज लगातार दूसरे दिन छठ महापर्व, 2022 की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं का पैदल स्थलीय निरीक्षण किया गया। वरीय पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त, नगर पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक यातायात, अनुमंडल पदाधिकारी पटना सदर, अपर समाहर्त्ता, अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन, विशिष्ट पदाधिकारी अनुभाजन, अनुमंडल पदाधिकारी पटना सिटी, अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग, कार्यपालक अभियंता पीएचईडी/भवन निर्माण/बुडको, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, संबंधित घाटों के वरीय नोडल पदाधिकारी एवं नोडल पदाधिकारी तथा अन्य के साथ उन्होंने विभिन्न पक्के घाटों का निरीक्षण किया।

जिलाधिकारी द्वारा आम लोगों से भी फीडबैक लिया गया।

प्रातः 6ः30 बजे कलेक्ट्रेट घाट से प्रारंभ कर दीदारगंज घाट तक लगभग अठारह किलोमीटर साढ़े तीन घंटा तक करीब 60 घाटों का उन्होंने एक-एक कर पैदल भ्रमण किया तथा गंगा का जल-स्तर, घाट निर्माण, एप्रोच रोड, साफ-सफाई, सुरक्षा-व्यवस्था, भीड़-प्रबंधन, यातायात प्रबंधन सहित सभी बिन्दुओं पर उन्होंने तैयारियों एवं योजनाओं का जायजा लिया तथा आवश्यक निदेश दिया। कलेक्ट्रेट घाट, टीएनबनर्जी घाट, मिश्री घाट, अदालत घाट,वंशी घाट, काली घाट, पटना कॉलेज घाट, कृष्णा घाट,गांधी घाट, बहरवा घाट, पटना लॉ कॉलेज घाट, रानी घाट, बीएन राय घाट, गुलबी घाट, बालू घाट, घाघा घाट, रौशन घाट, चौधरी टोला घाट, पथरी घाट, कदम घाट, घसियारी घाट, नरकट घाट, लौहरबाघाट, हनुमान घाट, गोसाई घाट, राजा घाट, करनालगंज/ जुडिशियल एकेडमी घाट, गाय घाट, कंटाही घाट, भद्र घाट, महावीर घाट, रानीपुर तकिया तालाब घाट, मित्तन घाट, खाजेकला घाट, पिरदमरिया घाट, दमराही घाट, दीदारगंज घाट सहित सभी घाटों पर पैदल चलकर जिलाधिकारी ने घाटों की वर्तमान स्थिति तथा प्रबंधन का अवलोकन किया, संरचनाओं को देखा एवं आवश्यक निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा नदी में पानी तेजी से घट रहा है। पिछले छः दिन में पटना में गंगा नदी के जल-स्तर में लगभग 1 मीटर 20 सेंटीमीटर की कमी आयी है। आज दिनांक 23.10.2022 को पूर्वाह्न 6ः00 बजे गंगा नदी का जल-स्तर 47.62 मीटर था जो कल दिनांक 22.10.2022 को संध्या 6ः00 47.71 मीटर था। प्रतिदिन लगभग 8 इंच अर्थात 24 घंटा में लगभग 20 सेंटीमीटर पानी कम हो रहा है। आने वाले दिनों में जल-स्तर में एक से सवा मीटर और कमी आने की संभावना है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इस बार छठ पर्व 30 एवं 31 अक्टूबर को है। विगत वर्ष छठ पर्व के दिन 10 नवम्बर, 2021 को जल-स्तर 45.45 मीटर था। इस वर्ष छठ पर्व के दिन जल-स्तर 46.00 मीटर रहने का अनुमान है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि गंगा के जल-स्तर में कमी एवं घाटों की भौतिक स्थिति को देखते हुए छठव्रतियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन द्वारा तीव्र गति से सभी तैयारी की जा रही हैं। रात्रि पाली मे भी काम किया जा रहा है। छठ पूजा से पहले सभी तैयारी पूरी कर ली जाएगी।

सेक्टर पदाधिकारियों का 21 दल 105 घाटों पर लगातार कैम्प कर सभी व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है। जैसे-जैसे जल-स्तर में कमी आ रही है वैसे-वैसे एप्रोच पथ के निर्माण एवं घाटों पर आवश्यक व्यवस्था तथा प्रबंधन में प्रगति लायी जा रही है। उन्होंने कहा कि बंसी घाट, काली घाट, पटना कॉलेज घाट, रानी घाट, गांधी घाट, गाय घाट, खाजेकला घाट, कंगन घाट इत्यादि घाटों पर साफ-सफाई की अच्छी स्थिति है। घाट उपयोगी है। एप्रोच पथ को सुगम एवं अवरोध मुक्त रखा जाएगा। दिवाली के तुरंत बाद घाटों की बैरिकेडिंग प्रारंभ की जाएगी। घाटों पर प्रकाश की व्यवस्था अच्छी रहेगी।जैसे-जैसे गंगा नदी का जल-स्तर कम हो रहा है वैसे-वैसे घाट की सीढ़ियों से भी पानी हट रहा है तथा छठ घाटों की स्थिति में सुधार हो रहा है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल-स्तर के घटने के साथ ही स्थितियां बदलेगी। बहुत सारे घाट जो आज के समय असुरक्षित लग रहे हैं उसके बारे में पानी के घटने पर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। अभी लगभग 4 दिन का समय है। 25 या 26 अक्टूबर को प्रशासन द्वारा खतरनाक घाटों की अंतिम सूची जारी की जाएगी जहाँ आम जनता का आना प्रतिबंधित रहेगा। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि अभी तक के निरीक्षण से यह स्पष्ट हो रहा है कि बड़े घाटों में बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाट एवं महेंद्रु घाट असुरक्षित है तथा यहां छठ पूजा नहीं किया जा सकता है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि छठव्रतियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है। उत्कृष्ट भीड़-प्रबंधन, सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था तथा सुचारू यातायात-प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। घाटों पर सीसीटीवी कैमरा से निगरानी की जाएगी। सभी घाटों पर वाच टाँवर एवं नियत्रंण कक्ष की स्थापना की जा रही है। मजिस्ट्रेट एवं फोर्स का डेपुटेशन रहेगा। एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ के साथ-साथ रिवर पेट्रोलिंग भी क्रियाशील रहेगा मेडिकल टीम भी तैनात रहेगा। जिलाधिकारी ने घाटों तक आने वाले रास्ते को सुचारू एवं सुगम करने का निदेश दिया। गड्ढों एवं नालों को ढकने, कीचड़ हटाने, सहित सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर 2 दिन के अंदर सारी व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया। नाली को स्लैब से ढंके। गड्ढों की भराई तथा आवश्यकतानुसार पेड़ों की छंटाई करें। घाट की सीढ़ियों पर जमी मिट्टी को तेजी से हटाएं, घाटों की रेलिंग को सुदृढ़ रखें। जिलाधिकारी द्वारा घाटों पर बने शौचालयों में स्वयं नल को चला कर पानी आने की स्थिति की जांच की गई। कहीं-कहीं पानी की आपूर्ति बाधित थी। डीएम डॉ. सिंह द्वारा निर्देश दिया गया कि शौचालय के नल में पानी अवश्य आना चाहिए।

डीएम डॉ. सिंह ने सेक्टर पदाधिकारियों को कार्यकारी एजेसियों से योजनाबद्ध एवं समयबद्ध ढंग से कार्य कराने का निदेश दिया। उन्होंने संवेदकों एवं एजेंसियों को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया अन्यथा उनके विरुद्ध कार्य में शिथिलता बरतने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को पूजा समितियों से समन्वय स्थापित कर आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित करने को कहा। डीएम डॉ.सिंह ने कहा कि छठव्रतियों की सुविधा एवं सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था भी की जा रही है। लगभग 45 से ज्यादा तालाबों एवं इतनी ही संख्या में पार्क में भी छठव्रतियों के लिए प्रबंध किया गया है। बड़ी संख्या में अपार्टमेंट के छत पर भी लोगों द्वारा छठ किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा टैंकर के माध्यम से घरों एवं कॉलोनियों में श्रद्धालुओं तथा छठव्रतियों के लिए गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा।

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