बिहार में रेल यात्रा को और अधिक सुविधाजनक और डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। रेलवे ने राज्य के 702 छोटे-बड़े स्टेशनों पर ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (ATVM) लगाने की योजना बनाई है। यह काम मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है, और सभी रेल मंडलों को इसकी तैयारी में जुट जाने का निर्देश दिया गया है।
दानापुर मंडल में लगेंगी सबसे ज्यादा मशीनें
दानापुर मंडल के करीब 40 स्टेशनों पर 100 से अधिक ATVM मशीनें लगाई जाएंगी। यहां रोज़ाना 5 लाख से अधिक यात्री सफर करते हैं, जिन्हें अब लंबी कतारों से मुक्ति मिल सकेगी। टेंडर प्रक्रिया 20 जून तक पूरी कर ली जाएगी, जबकि मशीन लगाने का कार्य जुलाई से शुरू किया जाएगा।
पटना जंक्शन पर फिलहाल 10 मशीनें कार्यरत हैं (5 प्लेटफॉर्म नंबर 1 की ओर और 5 करबिगहिया साइड), जिनमें से एक फिलहाल खराब है। स्टेशन पर 5 और मशीनें लगाने की तैयारी है, जिससे कुल संख्या 15 हो जाएगी। यहां हर दिन लगभग 40,000 जनरल टिकट जारी किए जाते हैं।
पहले चरण में इन स्टेशनों पर लगेंगी मशीनें
पहले चरण में दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से लेकर पटना, झाझा और जयनगर तक के स्टेशनों को इस योजना में शामिल किया गया है। यात्री ATVM मशीन से हिंदी या अंग्रेजी में ऑप्शन चुनकर खुद टिकट बुक कर सकेंगे और ऑनलाइन पेमेंट की भी सुविधा मिलेगी।
अभी 70 से अधिक स्टेशनों पर मौजूद हैं मशीनें
फिलहाल बिहार के 70+ स्टेशनों पर ATVM मशीनें पहले से लगी हुई हैं। इनमें समस्तीपुर, दरभंगा, रक्सौल, नरकटियागंज, सहरसा, बेतिया और मोतिहारी जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं, जहां अब तक 22 मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं। अब बाकी प्रमुख स्टेशनों पर भी इनकी संख्या चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जा रही है।
जहां नहीं हैं मशीनें, वहां भी शुरू हो रही तैयारी
पूर्व मध्य रेलवे के सीपीआरओ सरस्वती चंद्र ने बताया कि जिन स्टेशनों पर अब तक यह सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है, वहां यात्रियों की आवश्यकता के अनुसार जल्द ही मशीनें लगाई जाएंगी। उनका कहना है कि ATVM मशीनों की स्थापना से जनरल टिकट यात्रियों को तेज, आसान और डिजिटल सेवा मिलेगी।
यह योजना न केवल यात्रियों को राहत देगी, बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने और रेलवे की आधुनिक छवि को मजबूती भी देगी।