NEWSPR डेस्क। नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आजाद हिंद फौज की स्थापना दिवस पर जदयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव श्रीवास्तव ने समस्त देशवासियों और प्रदेशनासियों को शुभकानाएं दी है। इसके साथ ही आजादी के योगदान में अमर हुए सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हुए उन्हें याद किया है। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में भारत ने अपने कई सपूत खोए थे। उन्हीं में से कुछ वीर सपूत जो गुमनामी में कहीं खो गए थे उनकी सेना को आजाद हिंद फौज का नाम दिया गया। जिसे आज वह नमन करते हैं।
देश के सबसे जाबांज स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र ने ही आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। उन्होंने सिंगापुर यात्रा के दौरान 21 अक्टूबर को कैथेहाल में आजाद हिंद सरकार का ऐलान किया था। आजाद हिंद फौज ने सन् 1944 में अंग्रेजों से युद्ध किया। जिसमें कोहिमा समेत अन्य भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से आजाद किया था। वहीं 22 सितंबर, 1944 को शहीदी दिवस मनाते हुए सुभाष चंद्र बोस ने अपने सैनिकों से मार्मिक शब्दों में कहा ‘हमारी मातृभूमि स्वतंत्रता की खोज में है। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’। किंतु दुर्भाग्यवश द्वितीय युद्ध का पासा पलटा और जर्मनी ने हार मान ली साथ ही जापान को भी घुटने टेकने पड़े। ऐसे में इन देशों ने आजाद हिन्द फौज की मदद करने से इंकार कर दिया। इसी समय सुभाष चन्द बोस पर अंग्रेजों ने नकेल करने की रणनीति बनाई।
इस वजह से सुभाष बोस को टोकियों की ओर पलायन करना पड़ा और कहते हैं कि हवाई दुर्घटना में उनका निधन हो गया। हालंकि इसकी स्थापना का श्रेय रासबिहारी बोस को दिया जाता है। क्योंकि उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध 1942 के दौरान भारत को अंग्रेजों के कब्जे से आजाद करने के लिए आजाद हिन्द फौज या इन्डियन नेशनल आर्मी नामक सशस्त्र सेना का संगठन बनाया।