NEWSPR डेस्क। नवरात्रा प्रारंभ हो गया है। मां दुर्गे की आराधना में लीन हो गए हैं 9 दिनों तक चलने वाले इस पर में लोग पूरे भक्ति और श्रद्धा से मनाते हैं। वही नालंदा जिला के गिरियक प्रखंड के घोषरामा गांव में स्थित मां आशापुरी मंदिर है। यहां पर नवरात के पूरे 9 दिनों तक महिलाओं के प्रवेश को वर्जित रखा जाता है। 9 दिनों तक महिलाएं मंदिर परिसर में प्रवेश नहीं करती हैं। इस पूरे 9 दिनों तक नौ देवियों की पूजन होता है। नवमी को पूजन हवन होता है। गर्भ गृह में महिलाएं एवं पुरुष दोनों का प्रवेश वर्जित रहता है ।
नवरात्र की शरुआत के साथ ही गुरुवार से मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है। मां आशापुरी मंदिर अति प्राचीन मंदिर है, जो पावापुरी मोड़ से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर घोषरामा गांव में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण मगध साम्राज्य में पाल काल में हुआ था। यहां पर मां दुर्गा की अष्टभुजा प्रतिमा स्थापित है।
बताया जाता है कि मां आशापुरी मंदिर में तंत्र विद्या के तहत पूजा होती है और मां दुर्गे की आराधना होती है । यही वजह है कि यहां 9 दिनों तक महिलाओं का प्रवेश वर्जित रहता है।यहां तात्रियाँन पूजा के कारण मंदिर के गर्व गृह से लेकर परिषर तक महिलाओं का पूर्णत प्रवेश रहता है।इस प्राचिन मंदिर की खासियत है कि यहां जो लोग सच्चे भाव से मन्नत मांगते है उसकी फरियाद पूरी होती है इसीलिए इस मंदिर का नाम आशापूरी भी रखा गया।यहां बंगाल,झारखण्ड ओड़ीसा,बिहार समेत कई राज्यो के लोग श्रद्धा भाव से दर्शन करने आते है।