बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र से एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक दसवीं कक्षा के छात्र ने साइबर ठगी की बड़ी योजना को अंजाम देने की कोशिश की। घटना मध्य विद्यालय, लौसा की है, जहां छात्र ने अपने ही स्कूल के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार तिवारी को निशाना बनाया।
डीईओ बनकर मांगा ओटीपी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, छात्र ने जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) बनकर प्रिंसिपल को कॉल किया और ई-शिक्षा कोष से जुड़ी रकम ट्रांसफर कराने का बहाना बनाया। कॉल के दौरान छात्र ने OTP की मांग की और धोखे से यह जानकारी प्राप्त कर ली। हालांकि, कुछ देर बाद प्रिंसिपल को संदेह हुआ और उन्होंने तत्काल वास्तविक डीईओ से संपर्क किया, जिन्होंने इस तरह के किसी कॉल से इनकार किया।
समय रहते रोकी गई लेन-देन प्रक्रिया
शंका पुख्ता होने के बाद, प्रिंसिपल ने पुलिस अधिकारियों को सूचना दी, जिसके बाद डीएसपी अनुपेश नारायण और उनकी टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए खाते से किसी भी प्रकार के ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी।
नालंदा से हुई गिरफ्तारी, छात्र ने साइबर अपराधियों से मिलाया हाथ
जांच में खुलासा हुआ कि इस पूरी साजिश में छात्र अकेला नहीं था। वह साइबर अपराधियों के गिरोह के संपर्क में था, जिनके साथ मिलकर उसने यह साजिश रची थी। पुलिस ने छात्र को नालंदा से गिरफ्तार कर लिया है और इस मामले की गहन जांच जारी है।
मासूम बच्चों को अपराध की राह पर ले जा रहे हैं ठग
एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ संगठित ठग नाबालिगों को बहला-फुसलाकर साइबर अपराधों में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखें और डिजिटल माध्यमों के प्रयोग को लेकर सतर्क रहें।
साइबर ठगी पर पुलिस की सक्रिय मुहिम
डीएसपी ने बताया कि साइबर अपराध के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस तकनीकी सहायता से ऐसे मामलों की वैज्ञानिक पद्धति से छानबीन कर रही है और दोषियों को पकड़ने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है।