NEWSPR डेस्क। पटना सड़क निर्माण परियोजनाओं को समय पर पूरा न करने वाले और नियमों का उल्लंघन करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ बिहार सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. काम में कोताही बरतने और निर्धारित नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन करने वाले सड़क निर्माण से जुड़े 91 ठेकेदारों को सरकार ने काली सूची में डाल दिया है.
इसके साथ ही 1490 अन्य ठेकेदारों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. इन सभी पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क सड़क योजना के तहत आने वाली सड़कों के निर्माण में कोताही बरतने के सबूत मिले, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है. सरकार की इस कार्रवाई से ठेकेदारों में खलबली मची हुई है.
बिहार के ग्रामीण सड़क निर्माण विभाग मामलों के मंत्री जयंत राज ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई उन ठेकेदारों पर की गई है, जिन्होंने परियोजनाओं को समय पर पूरा नहीं किया और कुछ मामलों में समझौते के नियमों एवं शर्तों का भी उल्लंघन किया थ. छानबीन के बाद ऐसे ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
बता दें कि PMGSY और MMGSSY के तहत सड़क परियोजनाओं का काम समयबद्ध तरीके से पूरा करना होता है. इसके लिए कुछ नियम एवं शर्तें भी तय की गई हैं. जिन ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उन्होंने न तो समय पर परियोजनाओं को पूरा किया और न ही शर्तों का पालन ही किया.
ग्रामीण निर्माण विभाग के मंत्री की मानें तो काली सूची में डाले गए और प्रतिबंधित ठेकेदारों द्वारा बड़े पैमाने पर समझौते का उल्लंघन किया गया. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अलावा मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना और ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना के तहत ग्रामीण सड़कों में संबंधित कार्यों में तेजी लाने के लिए बार-बार किए जा रहे अनुरोध को भी इन लोगों ने महत्व नहीं दिया.
मंत्री ने कहा कि काली सूची में डाले गए और प्रतिबंधित किए गए सभी 1490 लोग राज्य सरकार के ग्रामीण निर्माण विभाग में पंजीकृत लोग थे. मंत्री द्वारा यह जानकारी दी गई है कि राज्य में ग्रामीण सड़क निर्माण विभाग के अंतर्गत करीब 8000 ठेकेदार रजिस्टर्ड हैं.