मुजफ्फरपुर ज़िले में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) जैसे महत्वपूर्ण राजस्व कार्यों में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। ज़िलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने मुशहरी और कांटी अंचलों की लापरवाही पर नाराज़गी जताते हुए दोनों अंचलों पर कुल ₹1,97,300 का जुर्माना ठोका है।
मुशहरी अंचल के अधिकारियों और कर्मियों पर ₹1,02,000 का और कांटी अंचल पर ₹95,300 का जुर्माना लगाया गया है। डीएम ने सख्त निर्देश दिए हैं कि जब तक यह जुर्माना जमा नहीं किया जाएगा, संबंधित कर्मियों को जून महीने का वेतन नहीं दिया जाएगा। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में तत्काल निलंबन की कार्रवाई भी की जाएगी।
बैठक में उजागर हुई बड़ी गड़बड़ियाँ
यह सख्त फैसला बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित जिला समन्वय समिति की समीक्षा बैठक के बाद लिया गया। बैठक में पाया गया कि:
- मुशहरी और कांटी अंचलों में दाखिल-खारिज के हजारों मामले अब भी लंबित हैं।
- दोनों अंचलों ने ‘अभियान बसेरा’ योजना में कोई ठोस प्रगति नहीं दिखाई है।
- भूमि मापी और लगान वसूली जैसे कार्यों में भी प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।
- साथ ही इन अंचलों में दलालों की सक्रियता और रिश्वतखोरी के आरोप भी सामने आए हैं।
- दस्तावेज़ों को बार-बार रिवर्ट (वापस लौटाना) करने की घटनाएं यहां सबसे ज्यादा हैं, जिससे मामलों का निपटारा बाधित हो रहा है।
अन्य अंचलों को भी चेतावनी
डीएम ने मुरौल, सरैया और बंदरा अंचलों के सीओ से भी जवाब-तलब किया है और चेतावनी दी है कि भविष्य में किसी भी तरह की लापरवाही मिलने पर निलंबन और विभागीय कार्रवाई तय है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि दाखिल-खारिज, भूमि मापी, लगान वसूली और बसेरा योजना जैसे कार्यों में तेज़ी लाई जाए।
शहरी क्षेत्रों से सटे अंचलों में लंबे समय से दाखिल-खारिज को लेकर भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकायतें मिल रही थीं। अब ज़िलाधिकारी के सख्त रुख से उम्मीद की जा रही है कि इस व्यवस्था में सुधार आएगा और आम जनता को राहत मिलेगी।