NEWSPR DESK- झारखंड की राजनीति में एकबार फिर भूचाल देखने को मिल रहा है। बिहार में जिस प्रकार लालू प्रसाद यादव ने जेल जाने से पहले राबड़ी देवी को बिहार की सत्ता सौंपी थी, ठीक उसी प्रकार झारखंड में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी सत्ता की बागडोर अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सौंपकर राजपाट चलाएंगे।
क्योंकि हेमंत पर लगातार ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि हेमंत सोरेन को इस बात का डर है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), जो मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच कर रहा है, उन्हें गिरफ्तार कर सकता है।
ईडी ने अपने ताजा समन में कहा, “चूंकि आप जारी किए गए समन का पालन नहीं करते हुए प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय में नहीं आए हैं, इसलिए हम आपको धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 50 के तहत अपना बयान दर्ज करने का ये आखिरी मौका दे रहे हैं। ये इस नोटिस/समन की प्राप्ति के 7 दिनों के भीतर होनी चाहिए।”
अब ऐसे में कहा जा सकता है कि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने अपनी पत्नी को कमान सौंपने की योजना बनाई है।झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर 2019 को हुआ।
सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ. एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के एक विधायक ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। ये सब इसी राजनीति का एक पार्ट है।