पटना: आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए बिहार बीजेपी ने अपने संगठन में बड़े बदलाव की योजना बनाई है। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इस बदलाव की प्रक्रिया और उद्देश्यों पर विस्तार से जानकारी दी।उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी में हर छह साल पर बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक संगठन का पुनर्गठन होता है। इसी प्रक्रिया के तहत, बिहार में बूथ, मंडल और जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने पर काम किया जा रहा है।
संगठन विस्तार की प्रक्रिया
पार्टी ने पहले प्राथमिक और सक्रिय सदस्यता अभियान चलाया, जिसके तहत 77,000 बूथों पर सक्रिय सदस्य बनाए गए।अब इन बूथों पर बूथ कमेटियों का गठन लगभग अंतिम चरण में है।बूथ कमेटी के बाद मंडल और प्रखंड स्तर पर संगठन का विस्तार किया जाएगा।प्रखंडों का पुनर्गठन करते हुए यह तय किया गया है कि एक प्रखंड में 50-60 बूथों से अधिक शामिल नहीं होंगे, ताकि बूथ स्तर पर सीधा संपर्क स्थापित हो सके।जिला संगठन में सुधारप्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि कुछ बड़े जिलों जैसे गया, समस्तीपुर, और दरभंगा को छोटे जिलों में विभाजित करने की योजना है।गया जिले में शेरघाटी, समस्तीपुर में उजियारपुर और दलसिंहसराय को मुख्यालय बनाने का प्रस्ताव है।
संगठन का पुनर्गठन परिसीमन को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है, क्योंकि परिसीमन के बाद लोकसभा सीटों की संख्या में वृद्धि की संभावना है।
मैराथन बैठकें और विचार-विमर्श
संगठन के इस विस्तार और पुनर्गठन के लिए सांसद, विधायकों और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ मैराथन बैठकें की गई हैं। विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि मंडल और प्रखंड स्तर पर संगठन को और मजबूत बनाया जाएगा।बीजेपी ने यह सुनिश्चित करने की योजना बनाई है कि संगठन की पहुंच हर बूथ तक हो और यह नए परिसीमन के बाद भी अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सके।