NEWSPR DESK PATNA- देश और बिहार में अक्सर यह आरोप लगते रहे हैं कि पीएम आवास योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। सरकार ने समय-समय पर इसे रोकने के लिए कई कदम उठाए, लेकिन कुछ समय बाद स्थिति फिर से जस की तस हो जाती है। अब इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने एक नई पहल शुरू की है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब जिन लोगों को आवास मिलेगा, उनकी आंखों की रेटिना की जांच की जाएगी। इसका उद्देश्य लाभुकों के चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है। रेटिना की जांच के जरिए लाभुकों के आधार कार्ड से मिलान किया जाएगा। जल्द ही इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए राज्य में सर्वेक्षण किया जाएगा।
वहीं, पीएम आवास योजना के तहत केंद्र सरकार ने साफ किया है कि एक पंचायत में किसी एक कमी से ही सर्वेक्षण करना है इसके लिए पंचायत वार्ड कर्मियों का पंजीकरण कर लिया गया। रजिस्टर्ड कर्मी ही अपने मोबाइल से लाभुकों की आंखों की तस्वीर लेंगे इसके माध्यम से आधार नंबर की पहचान हो जाएगी। इसको लेकर खास सॉफ्टवेयर बनाया गया है पंजीकृत कमी के मोबाइल का कोई दूसरा उपयोग नहीं कर सकेगा।
लाभार्थियों की पहचान के लिए संबंधित कर्मचारी घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। इसी प्रक्रिया के आधार पर नई सूची तैयार की जाएगी, जिसे ग्राम सभा में सहमति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। सूची का अंतिम प्रकाशन होने के बाद इसे लागू किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पहले की सूचियों में फर्जी नामों की शिकायतें मिलती थीं, जो आवास स्वीकृति और राशि वितरण के दौरान जांच में सामने आती थीं। इसे रोकने के लिए यह नया नियम लागू किया गया है।