बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने की कवायद तेज कर दी है। गुरुवार को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई, जिसमें बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित संगठन के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
चुनावी रणनीति और सीट समीकरण पर गहन चर्चा
बैठक में बिहार के विभिन्न जिलों की राजनीतिक स्थिति, संभावित उम्मीदवारों और प्रचार रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह ने बैठक में साफ संदेश दिया कि आने वाला चुनाव “विकास बनाम वादों की राजनीति” के रूप में लड़ा जाएगा।
बीजेपी का मुख्य फोकस इस बार युवा मतदाताओं, महिला सशक्तिकरण और रोजगार के अवसरों पर रहेगा।
अमित शाह ने नेताओं को निर्देश देते हुए कहा, “हर बूथ पर पार्टी की मौजूदगी महसूस होनी चाहिए और हर कार्यकर्ता को यह चुनाव अपना व्यक्तिगत मिशन मानकर काम करना होगा।”
बैठक में बूथ सशक्तिकरण, सोशल मीडिया कैम्पेन और जनसंपर्क कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने पर भी विशेष जोर दिया गया।
मुख्यमंत्री पद पर अमित शाह का बड़ा बयान
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पद के सवाल पर अमित शाह ने स्पष्ट कहा कि “मुख्यमंत्री का चयन विधायक दल द्वारा किया जाएगा।”
इस बयान के साथ उन्होंने यह संकेत दे दिया कि पार्टी फिलहाल किसी चेहरे पर निर्भर रहने के बजाय संगठन और सामूहिक नेतृत्व को तरजीह देगी।
अमित शाह का बिहार दौरा — दो बड़े कार्यक्रमों में होंगे शामिल
अमित शाह शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को बिहार पहुंचेंगे। उनका पहला कार्यक्रम तैराया (Tairaya) में एक विशाल जनसभा होगी, जहां से बीजेपी अपने चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत करेगी।
इसके बाद वे पटना में चुनाव प्रबंधन समिति की विस्तृत बैठक में शामिल होंगे, जहां पार्टी की आगे की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।